बोकारो: दूल्हा सज-धज कर तैयार हुआ. दुल्हन ने भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. कुछ रस्म दूल्हे की तरफ से तो कुछ दुल्हन की ओर से. दूल्हे ने दुल्हन की मांग में सिंदूर डाला. दोनों ने सात फेरा लिया. वैदिक मंत्रोच्चर के बीच दोनों ने एक -दूसरे का साथ जीवन भर साथ निभाने का संकल्प लिया. शादी हो गयी. दोनों पक्ष के बड़ों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया तो छोटे ने बधाई दी. पूरे रस्म अदायगी में डेढ़ से दो घंटे का समय लगा. यह नजारा था सोमवार को सेक्टर-1 स्थित श्रीराम मंदिर का.
06 मई को हुई 13 शादियां : श्रीराम मंदिर में 06 मई को 13 शादियां हुई. 11 मई को 10 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे थे. इससे पहले 29 अप्रैल को 15 शादियां हुई थी. अप्रैल 2013 में मंदिर में 31 शादियां हुई थी. मई में 13 मई तक 46 शादी हो चुकी है. मई में शादी-विवाह का सर्वाधिक मुहूर्त है. इस कारण मंदिर में प्रतिदिन औसतन पांच शादियां हो रही है. 12 मई अर्थात रविवार को मंदिर में पांच शादियां हुई. यह सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा. सोमवार को पांच शादियां हुई.
यहां-यहां से पहुंचे लोग : सोमवार को श्रीराम मंदिर में शादी के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे. चिरकुंडा-धनबाद के कमल किशोर की शादी आमी-दिघवारा, छपरा की सुमन कुमारी के साथ हुई. तेलीडीह बस्ती-चास के सुभाष महतो सोलागीडीह-चास की सुप्रिया के साथ परिणय सूत्र में बंधे. करहरिया-बालीडीह के शिव प्रसाद नायक की शादी अंगवाली-पेटरवार की माधुरी के साथ हुई. नारायणपुर-भांगा बाजार, पिंड्राजोरा के विपीन पाल गांव की हीं लक्ष्मी के साथ परिणय सूत्र में बंधे.
मंदिर में शादी का नियम : श्रीराम मंदिर में शादी के लिए वर-वधू का बालिग होना बहुत जरूरी है. दोनों पक्ष के माता-पिता की उपस्थिति अनिवार्य है. साथ ही दोनों पक्ष से पांच-पांच गवाह होने चाहिए. मंदिर में शादी प्रथम पाली में ही होती है. अर्थात शादी दोपहर दो बजे तक ही होता है. शाम में मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. विशेष पूजा व आरती होती है. इस कारण शादी-विवाह का कार्यक्रम द्वितीय पाली में नहीं होता है. एक शादी में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है.
इन मंदिरों में होती है शादियां : सेक्टर-1 स्थित श्रीराम मंदिर, सेक्टर-9 स्थित गायत्री मंदिर, सेक्टर-8 स्थित कालीबाड़ी मंदिर, धनबाद-बोकारो मुख्य मार्ग स्थित भूतनाथ मंदिर, सेक्टर-6 स्थित साईं मंदिर, सेक्टर-4 स्थित जगन्नाथ मंदिर सहित चास-बोकारो के दर्जनों मंदिरों में शादी होती है. अलग-अलग मंदिरों में शादी-विवाह का अलग-अलग नियम-कानून व विधि-विधान है. सेक्टर-1 स्थित श्रीराम मंदिर में शादी के लिए झारखंड, बिहार व बंगाल तक के लोग आते हैं.