बोकारो: राज्य के केबल ऑपरेटर मनोरंजन कर नहीं दे कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे है. बोकारो में दो दर्ज़न से भी अधिक केबल ऑपरेटर हैं, लेकिन टैक्स के लिए किसी ने पंजीकरण तक नहीं कराया है. कमर्शियल टैक्स विभाग भी मामला हाई कोर्ट में होने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहा है. जानकारों की मानें तो पूरे राज्य का यही हाल है. विभागीय सूत्रों की मानें तो पूरे राज्य में तीन-चार ऑपरेटरों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है.
कुल वसूली का 7.5 प्रतिशत देना है टैक्स : कमर्शियल टैक्स के उप आयुक्त सदय कुमार के अनुसार केबल ऑपरेटर को उपभोक्ताओं से वसूली गयी कुल राशि का 7.5 प्रतिशत मासिक टैक्स का भुगतान करना है. राज्य में यह प्रावधान 2012 से लागू है.
बोकारो में सवा लाख टीवी हाउस होल्ड : केवल बोकारो जिला की बात करें तो 1.26 लाख टीवी हाउस होल्ड हैं. वही बोकारो व चास में लगभग 79 हजार टीवी हाउस होल्ड हैं. हर टीवी हाउस होल्ड से लगभग 150 से 200 रुपये तक मासिक शुल्क लिया जाता है.
एक केस हार चुका है ऑपरेटर : केबल ऑपरेटर संयुक्त बिहार के समय से ही प्रति कनेक्शन दर से लगभग 50 प्रतिशत मनोरंजन कर के विरुद्ध कोर्ट की शरण में गये थे. लेकिन वह केस हार गये. झारखंड सरकार ने 2012 में कुल वसूली का 7.5 प्रतिशत मनोरंजन कर लेने का निर्णय लिया. अभी तक यही दर लागू है.
बोकारो में किसी केबल ऑपरेटर ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. केबल ऑपरेटर के अनुसार न्यायालय में कोई मामला लंबित है. कोर्ट की अवमानना से बचने के लिए विभाग ने कोई करवाई नहीं की है. नियमत: उन्हें रजिस्ट्रेशन करा कर टैक्स देना चाहिए. विभाग पोस्ट ऑफिस से ऑपरेटर के संबंध में जानकारी ले कर कार्रवाई करेगा.
सदय कुमार, उप आयुक्त,वाणज्यि कर,बोकारो