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बीजीएच में पहली बार हुई लिपोसक्शन सजर्री
बोकारो: बोकारो जेनरल अस्पताल के प्लास्टिक सजर्री व एनस्थिसिया विभाग के चिकित्सकों के एक दल ने हाल ही में एक 22 वर्षीय महिला की लिपोसक्शन सजर्री सफलतापूर्वक की. अस्पताल में यह सजर्री पहली बार की गयी है. अस्पताल के निदेशक प्रभारी डॉ एएम केकरे के मार्गदर्शन में यह शल्य प्रक्रिया हुई. टीम में शामिल चिकित्सक […]
बोकारो: बोकारो जेनरल अस्पताल के प्लास्टिक सजर्री व एनस्थिसिया विभाग के चिकित्सकों के एक दल ने हाल ही में एक 22 वर्षीय महिला की लिपोसक्शन सजर्री सफलतापूर्वक की. अस्पताल में यह सजर्री पहली बार की गयी है. अस्पताल के निदेशक प्रभारी डॉ एएम केकरे के मार्गदर्शन में यह शल्य प्रक्रिया हुई.
टीम में शामिल चिकित्सक : प्लास्टिक सजर्री विभाग के डॉ ए मंडल, डॉ उमा शंकर, डॉ आनंद प्रकाश व एनस्थिसिया विभाग की डॉ ए साहू व डॉ अनिल मिश्र की टीम ने लगभग ढाई घंटे में पूरी की. लिपोसक्शन सजर्री द्वारा मरीज के शरीर से अवांछित वसा हटाया गया और अब वह स्वस्थ है. लिपोसक्शन का इस्तेमाल अब कॉस्मेटिक कार्यो के अलावा अन्य रोगों के उपचार के लिए भी होने लगा है.
क्या है लिपोसक्शन सजर्री
लिपोस्कल्प्चर अथवा लिपोप्लास्टी अथवा सक्शन लिपेक्टॉमी के नाम से भी प्रचलित इस शल्य प्रक्रिया के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों से अवांछित वसा को हटाया जाता है. इस प्रकिया में एक विशेष प्रकार का यंत्र कैनुला (प्रवेशनी) और वैक्यूम पंप मशीन का इस्तेमाल किया जाता है.
तकनीक एक न्यूनतम इन्वेसिव प्रक्रिया : कैनुला वैक्यूम पंप से एक ट्यूब के माध्यम से जुड़ा होता है. कैनुला को शरीर के वैसे हिस्से में छोटे चीरे लगाकर डाला जाता है, जहां से अवांछित वसा हटाना हो. उसके बाद ट्यूब के रास्ते वसा को सक्शन द्वारा बाहर निकाला जाता है. यह तकनीक एक न्यूनतम इन्वेसिव प्रक्रिया है, जिससे मरीज 3-4 दिन में ही अस्पताल से घर चले जाते हैं.
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