बोकारो: तेनु डैम से पानी अब पाइपलाइन से आयेगा. झारखंड सरकार ने इस योजना पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है. इस पर जल संसाधन विभाग विचार कर रहा है. योजना के कार्यान्वयन से सेक्टर सहित बोकारो स्टील प्लांट में पानी की कमी नहीं होगी. फिलहाल, प्लांट को तेनु बोकारो नहर के माध्यम से पानी दिया जा रहा है. नहर के रख-रखाव व मरम्मत पर समय अधिक लगता है, साथ ही इधर बार-बार नहर काटने की घटना से प्रबंधन को घाटा हो रहा है.
तेनु बोकारो नहर प्लांट में सिर्फ सात दिन का पानी संरक्षित रहता है. ऐसे में नहर काटने की घटना या नहर के क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत से सात दिन का अधिक समय लग सकता है. इससे प्लांट का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. सेक्टरों में पानी की आपूर्ति भी बाधित हो सकती है. इसलिए बीएसएल प्रबंधन ने राज्य सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था करने का आग्रह किया है. सरकार ने पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है.
तीन बार कटी नहर : अब तक नहर काटने की घटना तीन बार हो चुकी है. इससे पानी के साथ-साथ पैसों की भी बरबादी हुई है.