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भाजपा नेता जितेंद्र समेत तीन दोषी करार

बोकारो: दुग्दा के कोल व्यवसायी भरत मिश्र (50 वर्ष) के अपहरण व हत्या के मामले में स्थानीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार चौधरी ने भाजपा नेता जितेंद्र महतो, उनका छोटा भाई तुलसी महतो व साला ईश्वर महतो को दोषी पाया है. दोष सिद्ध हुए मुजरिम गांधी नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बैदकारो के […]

बोकारो: दुग्दा के कोल व्यवसायी भरत मिश्र (50 वर्ष) के अपहरण व हत्या के मामले में स्थानीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार चौधरी ने भाजपा नेता जितेंद्र महतो, उनका छोटा भाई तुलसी महतो व साला ईश्वर महतो को दोषी पाया है. दोष सिद्ध हुए मुजरिम गांधी नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बैदकारो के रहने वाले हैं. सजा के बिंदु पर फैसला सुनाने की तारिख 20 सितंबर निर्धारित की गई है. न्यायालय में यह मामला दुग्दा थाना कांड संख्या 21/02 व सेशन ट्रायल कांड संख्या 275/12 के तहत चल रहा था.

14 अप्रैल 2012 को हुई थी व्यवसायी की हत्या : आरोप के अनुसार सीमेंट कंपनी में कोयला सप्लाइ की बात पर समझौता करने के लिए 14 अप्रैल 2012 की शाम जितेंद्र ने भरत मिश्र को बोकारो बुलाया. समझौता के नाम पर भरत को अपनी सफारी गाड़ी पर बैठाया. चलती गाड़ी पर बातचीत करने के दौरान जितेंद्र व उसके सहयोगियों ने सेक्टर चार गांधी प्रतिमा के पास रस्सी से गला दबा कर भरत मिश्र की हत्या कर दी गयी. साक्ष्य मिटाने की नीयत से शव को बेरमो अनुमंडल क्षेत्र के बैदकारो जंगल में ले जाकर गाड़ दिया गया. हत्या के सात दिनों के बाद 21 अप्रैल 2012 को पुलिस ने तुलसी महतो (जितेंद्र का छोटा भाई) की निशानदेही पर भरत मिश्र का शव बैदकारो जंगल से बरामद किया. इस मामले में फिलहाल भाजपा नेता जितेंद्र महतो जमानत पर बाहर था.

जेपी सीमेंट कंपनी पर अपना एकाधिकार कम होता देख जितेंद्र बौखला गया. उसने भरत मिश्र को जेपी सीमेंट से हटाने के लिए कई बार उसका वर्कऑर्डर आदि का कागजात भी छीन लिया. जितेंद्र ने अपने सहयोगियों के माध्यम से जेपी सीमेंट कंपनी का काम छोड़ने के लिए भरत मिश्र को कई बार धमकी भी दी थी. लेकिन भरत मिश्र पर इसका कोई असर नहीं हुआ. सीमेंट कंपनी में कोयला सप्लाइ की बात पर समझौता करने के लिए 14 अप्रैल 2012 की शाम जितेंद्र ने भरत मिश्र को बोकारो बुलाया.

समझौता के नाम पर कर दिया हत्या
आरोप के अनुसार समझौता के नाम पर भरत को अपनी सफारी गाड़ी पर बैठाया. चलती गाड़ी पर बातचीत करने के दौरान जितेंद्र व उसके सहयोगियों ने सेक्टर चार गांधी प्रतिमा के पास रस्सी से गला दबा कर भरत मिश्र की हत्या कर दी गयी. साक्ष्य मिटाने की नीयत से शव को बेरमो अनुमंडल क्षेत्र के बैदकारो जंगल में ले जाकर गाड़ दिया गया. हत्या के सात दिनों के बाद 21 अप्रैल 2012 को पुलिस ने तुलसी महतो (जितेंद्र का छोटा भाई) की निशानदेही पर भरत मिश्र का शव बैदकारो जंगल से बरामद किया. इस मामले में फिलहाल भाजपा नेता जितेंद्र महतो जमानत पर बाहर था. दोष सिद्ध होने के बाद भाजपा नेता को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया.

पुलिस का बेहतर अनुसंधान रंग लाया
कोल व्यवसायी के अपहरण की घटना के बाद जिले के एसपी कुलदीप द्विवेदी सक्रिय हुए. पुलिस टीम का गठन कर मोबाइल कॉल डिटेल्स के आधार पर अपराधियों को गिरफ्तार किया. एसपी के निर्देश पर पुलिस ने साक्ष्य संकलन कर अभियुक्तों से पूछताछ की. घटना के एक सप्ताह बाद ही पुलिस ने इस मामले का पूरी तरह से उद्भेदन कर दिया. पुलिस द्वारा जुटाये गये ठोस साक्ष्य के आधार पर ही 17 माह के भीतर न्यायाधीश ने इस मामले के तीन अभियुक्तों को मुजरिम करार दिया. भरत मिश्र की पत्नी कंचन मिश्र के बयान पर पुलिस ने पहले अपहरण का मामला दर्ज किया था. शव बरामद होने के बाद यह मामला अपहरण के साथ हत्या में परिवर्तित हो गया.

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