बोकारो: सेक्टर-4 डी स्थित बोकारो बुद्ध विहार बौद्ध धर्म के अनुयायियों का आस्था का केंद्र है. वर्ष 1975 में बोकारो इस्पात प्रबंधन की ओर से बुद्ध विहार के लिए जमीन आवंटित की गयी थी. 1 एकड़ 60 डिसमिल फैले बुद्ध विहार कैंपस की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है. बुद्ध विहार चार भाग में बंटा हुआ है. पहले भाग में मंदिर परिसर बना हुआ है. दूसरे भाग में भव्य व आकर्षक सभागृह है. भविष्य में इसके प्रथम तल पर पुस्तकालय और कार्यालय निर्माण की योजना है. तीसरे भाग में भिक्षु निवास है. चौथे भाग में पैगोड़ा है, जहां पेड़-पौधे और फूल लगाये गये हैं.
ये निभा रहे हैं सराहनीय भूमिका
बुद्ध विहार के विकास में प्रबंध कमेटी के चेयरमैन लामा श्रीनारायण सिंह, उपाध्यक्ष सोमेन बरुआ, सचिव शीला बंधु, सहायक सचिव केपी रजक, कोषाध्यक्ष एसके पंचभाई के अलावा कार्यकारिणी समिति के आरपी सिन्हा, भीएन मेहता, मंजू साह, लल्लू राम, एसके चौधरी, योगेंद्र प्रसाद रजक, संजय शान आदि.
थाइलैंड के मूर्तिकार ने बनायी है मूर्ति
बुद्ध विहार परिसर में स्थित भगवान की मूर्ति थाइलेंड के मूर्तिकार भन्तेजी उदोन खुनबरो ने बनायी है. गौतम बुद्ध की तीन मूर्तियां भगवान के दिये ज्ञान, प्रकृति व एकता का प्रतीक है. मूर्ति की कलात्मकता ऐसी है कि तीनों में अंतर निकाल पाना मुश्किल है.
सुबह-शाम होती है पूजा
बुद्ध विहार में प्रतिदिन सुबह-शाम महात्मा बुद्ध की पूजा-अर्चना होती है. श्री शरण और पंचशील का पाठ होता है, जिसमें दर्जनों श्रद्धालु शामिल होते हैं. विशेष रूप से रविवार को यहां बौद्ध अनुयायियों का जमावड़ा लगता है. उस दिन यहां विशेष पूजा-अर्चना के साथ-साथ प्रबंध कमेटी की बैठक भी होती है.
मनोहारी है अंदर का दृश्य
बुद्ध विहार के अंदर प्रवेश करते ही मानसिक शांति मिलती है. कैंपस में सागवान, शीशम, अशोक, आम सहित दर्जनों पेड़ लगाये गये हैं. पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित महात्मा बुद्ध की तीन प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है. कैंपस के लगे पेड़-पौधे मनोहारी छटा बिखेरते हैं. खासकर, सुनियोजित तरीके से लगाये गये अशोक के पेड़.
केसीसी बांटेगा चना-गुड़
बुद्ध जयंती के मौके पर चार मई को चास में केसीसी वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जगह-जगह चना-गुड़ का वितरण किया जायेगा. साथ ही प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा. इसकी तैयारी में सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश कुमार, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश, सचिव त्रिलोकी नाथ सिंह, कोषाध्यक्ष सुनील गांधी आदि जुटे हैं.
3डी होगी धम्म यात्र की मूर्ति
चास स्थित सगुन मंडप से धम्म यात्र निकलेगी., जो शहर के प्रमुख चौक- चौराहे से होते हुए सेक्टर- 04 स्थित बुद्ध विहार पहुंचेगा. इस बार धम्म यात्र की मूर्ति थ्री डाइमेंशनल होगी. जिसे किसी भी दिशा से देखने पर भगवान बुद्ध की मूर्ति सामने की तरफ ही प्रतीत होगी. मूर्ति की ऊंचाई सात फुट होगी. आकर्षक सजावट के साथ धम्म यात्र निकाली जायेगी.
धीरे-धीरे बन रहा है कैंपस
बुद्ध विहार कैंपस का निर्माण धीरे-धीरे हो रहा है. कमेटी के सदस्यों ने बताया : सदस्यों के आपसी सहयोग से ही कैंपस में निर्माण कार्य चल रहा है. पहले सदस्यों की संख्या कम थी. अब संख्या बढ़ रही है. फिलहाल, लगभग 200 लोग सक्रिय रूप से जुड़े हैं. सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ ही निर्माण कार्य में तेजी आयी है.
गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा
समाज सेवा के तहत बुद्ध विहार में गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. इसमें आस-पास के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के बच्चे पढ़ते हैं. फिलहाल यहां 35 बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है. यहां एक पुस्तकालय भी है, जहां बुद्ध साहित्य उपलब्ध है. यहां बुद्ध साहित्य पढ़ने दर्जनोंे लोग प्रतिदिन पहुंचते हैं.
बुद्ध पूर्णिमा समारोह की तैयारी
04 मई को बुद्ध विहार सेक्टर 4डी के प्रांगण में महात्मा बुद्ध की 2559वीं जयंती व बुद्ध विहार का 39वां वार्षिकोत्सव समारोह पूर्वक मनाया जायेगा. मुख्य आकर्षण बुद्ध चित्र प्रदर्शनी, बौद्ध विद्वान व भिक्षुओं का भाषण, सांस्कृतिक कार्यक्रम (बुद्ध एकांकी, नृत्य, कविता, संगीत) व सामूहिक भंडारा होगा.
कई तरह के कार्यक्रम होंगे
04 मई को सुबह 6 बजे से धम्म यात्र, 10 बजे से 12 बजे के बीच बुद्ध पूजा व वंदना, 12 से 1 के बीच संगोष्ठी, 1 से 2.30 के बीच भंडारा, 4 से 5 के बीच दीक्षा समारोह, 5 से 7 के बीच धम्म सभा और शाम 7 से रात्रि 9 बजे के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. आयोजन को सफल बनाने में समिति जुटी है.
प्रकृति ज्ञान देने के लिए प्रतियोगिता
प्रकृति ज्ञान देने के लिए चार मई को कई तरह की प्रतियोगिता होगी. बच्चों को बीज ज्ञान देने के लिए बीज चयन व पहचान प्रतियोगिता होगी. खान-पान में हो रहे बदलाव क ी परेशानी को खत्म करने के लिए सब्जी पहचान प्रतियोगिता होगी. इससे बच्चों में हरी सब्जी के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके. शिक्षा स्तर बढ़ाने के लिए कई रोचक मुकाबला होगा.