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विदेशी छोड़ स्वदेशी अपनायें

बोकारो: चीन में निर्मित व अन्य विदेशी समानों को छोड़ कर स्वदेशी समानों को अपनाने की जरूरत है , तभी देश का विकास होगा. स्वदेशी व्यापार व उद्योग धंधों को बढ़ावा दिया जाये. यह कहना है बीएसएल के अधिशासी निदेशक शितांशु प्रसाद का. वह बुधवार को सेक्टर चार स्थित मजदूर मैदान में आयोजित सात दिवसीय […]

बोकारो: चीन में निर्मित व अन्य विदेशी समानों को छोड़ कर स्वदेशी समानों को अपनाने की जरूरत है , तभी देश का विकास होगा. स्वदेशी व्यापार व उद्योग धंधों को बढ़ावा दिया जाये. यह कहना है बीएसएल के अधिशासी निदेशक शितांशु प्रसाद का. वह बुधवार को सेक्टर चार स्थित मजदूर मैदान में आयोजित सात दिवसीय 14 वां इस्पातांचल स्वदेशी मेला का समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. अध्यक्षता नप अध्यक्ष गंगा देवी भालोटिया ने व संचालन दिलीप कुमार वर्मा ने किया. मिथिला अकादमी पब्लिक स्कूल के छात्रों ने स्वागत गान प्रस्तुत किया.
भारत विश्व गुरु बन जायेगा : मुख्य वक्ता अन्नदा पाणिग्रही, राष्ट्रीय संघर्ष वाहिनी, स्वदेशी जागरण मंच ने कहा : भारत के सभी लोग अगर स्वदेशी को अपना लें, तो भारत विश्व गुरु बन जायेगा. भारतीयों का ज्यादातर पैसा विदेशी कंपनी के पास चला जाता है. विशिष्ट अतिथि रीता वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा : स्वदेशी सामान विदेशी सामान के तुलना में बेहतर होता है. अमरेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. धन्यवाद ज्ञापन कुमार संजय ने किया.
महिला सौंदर्य संबंधी सामान की बिक्री सबसे ज्यादा
स्वदेशी मेला के आखिरी दिन लगभग 12 लाख का सामान बिका. अंतिम दिन लोगोंे की भीड़ उमड़ी थी. सात दिन के मेले में लगभग 50 लाख की सामानों की बिक्री हुई. सबसे ज्यादा बिक्री महिला सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की हुई. महिला के कपड़े, चूड़ी-लहठी, सफेद वाशिंग पाउडर, सजावटी सामान, किचन व घर सज्जा के सामान की कुल बिक्री 08 से 10 लाख रुपया की रही. इसके बाद लिट्टी व ऐसे ही खाद्य सामग्री की बिक्री हुई. कुल 160 स्टॉल लगे थे.
हैंडमेड सामान की हुई जमकर खरीदारी
हैंडमेड सामानों को लोगों ने खूब पसंद किया. दो से पांच लाख रुपये की लकड़ी व मिट्टी से बने सजावटी व उपयोगी सामान की खरीदारी हुई. इसमें वाटर फाउंटेन, झूला, स्टैंड, घड़ी, फ्लावर पॉट, कॉफी मग व चाय-डिनर सेट की सबसे ज्यादा बिक्री हुई. संगमरमर का मंदिर, मूर्ति, सिंदूर दानी, तुलसी स्थान व कश्मीरी कालीन, सिल्क कालीन, वूलेन कालीन, फर कालीन व भदोई कालीन को लोगों ने खूब पसंद किया. पांच से सात लाख रुपये के ऐसे सामान बिके. 10 अलमारी व तीन सोफा-सेट भी बिका.

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