गांधीनगर. सीसीएल बीएंडके एरिया के कोनार परियोजना में बरवाबेड़ा गांव के समीप प्रस्तावित कोल वाशरी के जूलॉजिकल स्टडी का काम सीएमपीडीआइ, रांची द्वारा बुधवार को शुरू किया गया. यहां सात मिलियन टन क्षमता का कोल वाशरी 2-3 वर्षों में बनाया जाना है. सीएमपीडीआइ के अधिकारी जय सिंघम व अर्जुन हेंब्रम की देख-रेख में प्रस्तावित स्थल से कई जगहों की मिट्टी सैंपल के तौर पर उठायी गयी, जिसे जांच के लिए बीआइटी सिंदरी के लैब में भेजा जायेगा. इसके अलावे बिजली, पानी, परिवहन की सुविधाओं के बारे में भी टीम के सदस्य स्थानीय प्रबंधन से जानकारी ले रहे हैं.मालूम हो कि प्रबंधन ने परियोजना के समीप 89 मिलियन टन क्षमता वाले कोल वाशरी लगाने की योजना बनायी है. वाशरी डिवीजन के रांची मुख्यालय के पदाधिकारी भी स्थल का दौरा कर चुके हैं. बरवाबेड़ा गांव के समीप रेलवे साइडिंग बनाने का भी प्रस्ताव है. इन सबके कारण गांव को शिफ्ट किये जाने की भी योजना है. पीओ एसके सिंह ने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से विलंब हो रहा है. वाशरी बनने से क्षेत्र के लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जुडेंगे.
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कोनार में सात मिलियन टन का वाशरी बनेगा
गांधीनगर. सीसीएल बीएंडके एरिया के कोनार परियोजना में बरवाबेड़ा गांव के समीप प्रस्तावित कोल वाशरी के जूलॉजिकल स्टडी का काम सीएमपीडीआइ, रांची द्वारा बुधवार को शुरू किया गया. यहां सात मिलियन टन क्षमता का कोल वाशरी 2-3 वर्षों में बनाया जाना है. सीएमपीडीआइ के अधिकारी जय सिंघम व अर्जुन हेंब्रम की देख-रेख में प्रस्तावित स्थल […]
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