16 बोक 23 – सरोज मिश्रारिश्तेदारों को बाध्य करें मतदान के लिए मतदान करना नैतिक धर्म है. इसके लिए किसी का इंतजार न करें और न ही खुद को रोकें. साथ ही रिश्तेदारों को भी मतदान के लिए बाध्य करें. यह मौका पांच वर्ष में एक बार मिलता है. जो बदलाव का संकेत होता है. सरोज मिश्रा, संयोजक, बोकारो ललितकला संघ16 बोक 24 – लालू कुमारसिर्फ विकास करने वालों को ही वोट दें वोट करने से पहले आत्ममंथन करें. यह बहुत ही जरूरी है. 14 साल का झारखंड भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है. इसे इस दलदल से बाहर निकालने के लिए एक अवसर मिला है. इसे यूं ही बरबाद न करें. लालू कुमार, वरीय अधिवक्ता, बोकारो कोर्ट16 बोक 25 – लालजीत कुमारमतदान से पूर्व खुद को परखने का समयमतदान से पूर्व खुद को परखने का समय है. यह सोंचे कि अब तक हमें क्या हासिल हुआ. अच्छी शिक्षा, अच्छे अस्पताल, अच्छी बिजली-पानी की सुविधा. इसके बाद चुने सही प्रत्याशी. जो सभी सुविधा दे सके. लालजीत कुमार, कंप्यूटर शिक्षक, चीरा चास 16 बोक 26 – पूनम पांडेयमौका इस बार भी चूक न जायेमतदान से पूर्व यह सोचना होगा कि 14 वर्ष बाद झारखंड में नारी की स्थिति क्या है. बार-बार हमें धोखा देने वालों को इस बार सबक जरूर सिखायें. मौका चूक न जायें. इसका भी हमें पूरा-पूरा ख्याल रखना है. पूनम पांडेय, गृहिणी, सेक्टर पांच
बोकारो विधानसभा : मतदाताओं की राय
16 बोक 23 – सरोज मिश्रारिश्तेदारों को बाध्य करें मतदान के लिए मतदान करना नैतिक धर्म है. इसके लिए किसी का इंतजार न करें और न ही खुद को रोकें. साथ ही रिश्तेदारों को भी मतदान के लिए बाध्य करें. यह मौका पांच वर्ष में एक बार मिलता है. जो बदलाव का संकेत होता है. […]
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