बोकारो: द्वितीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश बबीता प्रसाद की अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए पति को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी है. मुरिम चास के भर्रा बस्ती निवासी मोहम्मद हैदर अली (33 वर्ष) है. न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 110/13 व चास थाना कांड संख्या 317/12 के तहत चल रहा था. घटना 23 अक्तूबर 2012 की है.
प्राथमिकी धनबाद जिले के भूली ओपी क्षेत्र, शमशेर नगर, बैंक मोड़ निवासी मोहम्मद अलाउद्दीन ने दर्ज करायी था. मृतका फरहीना खातून उर्फ रानी मो अलाउद्दीन की पुत्री थी. फरहीना का विवाह हैदर अली से वर्ष 2009 में हुआ था. विवाह के समय डेढ़ लाख नगद, जेवरात, बरतन व अन्य सामान दिया गया था. एक माह बाद ही फरहीना से दहेज की मांग कर मारपीट कर प्रताड़ित किया जाने लगा. फरहीना को अपने पिता से आठ लाख रुपये मांग कर लाने का दबाव दिया जाता था.
पिता ने जब रुपया देने से इनकार कर दिया. फरहीना को उसके मायके भेज दिया गया. किसी तरह फरहीना के पिता ने ससुराल पक्ष को समझा-बुझा कर उसे फरहीना को उसके ससुराल विदा किया. 23 अक्तूबर 2012 को पिता के मोबाइल पर फोन आया कि फरहीना ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. सूचना पाकर पिता जब पुत्री के ससुराल गये, तो वह नहीं मिली. पिता को बताया गया कि फरहीना अपने पति के साथ सुल्तान नगर, कर्बला रोड स्थित आवास में रह रही थी. यहां जाने पर फरहीना मृत मिली. इसके बाद पिता ने दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया था.