बोकारो: मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर उहापोह की स्थिति साफ हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल, डेंटल कॉलेजों में पोस्टग्रेजुएट कोर्स में दखिले की समयसीमा 31 मई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है. न्यायाधीश बीएस चौहान और न्यायाधीश दीपक मिश्र की खंडपीठ ने कई राज्यों, छात्रों और मेडिकल काउंसिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
खंडपीठ ने कहा कि पहले दाखिले की प्रक्रिया को 31 मई तक पूरा करना था, लेकिन नेशनल इलिजिबिलिटी-कम-इंट्रेंस टेस्ट (नीट) के खिलाफ याचिका दाखिल करने के कारण ऐसा करना संभव नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि समय सीमा बढ़ाने की मंजूरी एमबीबीएस और पोस्टग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए केवल मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए ही है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कॉलेजों को अपनी-अपनी परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देने और बाद में परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दिया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में दिये गये आदेश को बदलते हुए कॉलेजों को परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी. मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 13 मई को दिसंबर 2012 में दिये गये आदेश में सुधार करते हुए एमसीआइ द्वारा आयोजित नीट के परिणाम को घोषित करने की भी मंजूरी दे दी.
हालांकि अदालत ने स्पष्ट कहा था कि नीट की वैधता पर फैसला जुलाई में सुनाया जायेगा. इस आदेश के बाद छात्र मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए नीट के स्कोर को वरीयता देने की मांग करने लगे. गौरतलब है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए मात्र नीट आयोजित करने का फैसला लिया था. लेकिन मौजूदा स्थिति में अब कुछ छात्र दाखिले के लिए पुरानी प्रक्रिया अपनाने की मांग कर रहे हैं, जबकि कुछ छात्र नीट के स्कोर को वरीयता देने की मांग कर रहे हैं.