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10 को सात लाख बच्चे लेंगे एलवेंडाजोल की खुराक

बोकारो. बोकारो में रहने वाले सात लाख बच्चों को 10 अगस्त को कृमि नाशक दवा एलवेंडाजोल की खुराक दी जायेगी. इसकी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. 10 अगस्त को एक दिवसीय कृमि नाशक दिवस मनाया जायेगा. मौके पर एक वर्ष से 21 वर्ष तक के बच्चे व युवाओं को शामिल किया गया है. अभियान […]

बोकारो. बोकारो में रहने वाले सात लाख बच्चों को 10 अगस्त को कृमि नाशक दवा एलवेंडाजोल की खुराक दी जायेगी. इसकी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. 10 अगस्त को एक दिवसीय कृमि नाशक दिवस मनाया जायेगा. मौके पर एक वर्ष से 21 वर्ष तक के बच्चे व युवाओं को शामिल किया गया है.

अभियान सभी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलायी जायेगी. खुराक से वंचित बच्चों व किशोरों को 17 अगस्त को पुन: खुराक दी जायेगी. एलवेंडाजोल की खुराक ही कृमि से मुक्ति दिला सकती है. यह बातें कैंप दो स्थित सीएस कार्यालय में सिविल सर्जन डॉ एस मुर्मू ने प्रेस वार्ता में मंगलवार को कही. मौके पर आरसीएचओ डॉ एस टुडू, डीएमओ एके पोद्दार, डीटीओ डॉ बीपी गुप्ता, डीएलओ डॉ राजश्री रानी, डीपीएम रवि शंकर, डीडीएम कुमारी कंचन, डीएएम अमित कुमार, प्रो एमआइएस अभय कुमार बंटी मौजूद थे.

बच्चों में कृमि की शिकायत सबसे अधिक : डॉ मुर्मू ने कहा : आंतों में कृमि की अधिकांश शिकायत बच्चों में पायी जाती है. बच्चे अपने पेट की सफाई से पूरी तरह उदासीन रहते हैं. ऐसे में खेलते वक्त दूषित मिट्टी के संपर्क में आने से पेट में संक्रमण हो जाता है. इससे कृमि पेट में फैल जाता है. यह घातक है. किसी व्यक्ति के शरीर में कृमि होता है तो उसे कई परेशानियां होती हैं. ऐसी स्थिति में प्रभावित बच्चे, किशोरों व युवाओं के चेहरा फीका पड जाता है. भोजन से अरुचि होना, दस्त लगना, नाक में खुजली होना, रात में सोते समय दांत कटकटाना, गुदाद्वार में खुजलाहट, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, सांस में बदबू, आंखों के नीचे कालापन, बार-बार खाने की इच्छा होना, मिचली, उल्टी, वजन घटना, बुखार आना, पैरों मेें कमजोरी, बदहजमी व पेट में दर्द मुख्य लक्षण हैं. बचने के लिए एलवेंडाजोल जरूरी है.

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