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कहीं दोषियों को बचाना तो नहीं चाहते बीडीओ ?
बोकारो: चास प्रखंड के सतनपुर में मनरेगा के तहत बने शौचालय निर्माण में अनियमितता व गबन के मामले में वरीय अधिकारियों के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. यह मामला जिला स्तर के सभी बैठकों में भी उठता रहा है. तत्कालीन उप विकास आयुक्त राम लखन प्रसाद गुप्ता ने चास के बीडीओ […]
बोकारो: चास प्रखंड के सतनपुर में मनरेगा के तहत बने शौचालय निर्माण में अनियमितता व गबन के मामले में वरीय अधिकारियों के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. यह मामला जिला स्तर के सभी बैठकों में भी उठता रहा है. तत्कालीन उप विकास आयुक्त राम लखन प्रसाद गुप्ता ने चास के बीडीओ को जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. नये डीडीसी दिगेश्वर तिवारी ने भी स्मार पत्र भेजा है.
प्रभात खबर ने किया था खुलासा : प्रभात खबर में 24 फरवरी 2017 के अंक में इस गबन की खबर को ‘स्वच्छ भारत अभियान का किया बंटाधार शीर्षक’ से प्रमुखता से प्रकाशित किया था. समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया. डीसी के निर्देश के बाद तत्कालीन उप विकास आयुक्त राम लखन प्रसाद गुप्ता ने मामले की जांच करायी थी. इसमें गबन की बात सामने आयी थी. उन्होंने चास के बीडीओ को जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था.
दोषी पदाधिकारियों पर दर्ज नहीं हुई एफआइआर
बोकारो के डीडीसी ने 11 मई 2017 को चास बीडीओ को निर्देश दिया गया था कि सतनपुर के 33 कलस्टर में मनरेगा से बने शौचालयों की जांच जन सेवकों के माध्यम से करायी गयी थी. इसमें गबन की बात सामने आयी है. डीडीसी ने बीडीओ को पीडीआर एक्ट के तहत 12 प्रतिशत ब्याज सहित गबन की गयी राशि की वसूली के लिए संबंधित पदाधिकारी व कर्मी के विरुद्ध नीलाम पत्रवाद दायर करने का निर्देश दिया था. वहीं दोषी कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था. पत्र में 25 मई तक अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया था. नव पदस्थापित डीडीसी दिगेश्वर तिवारी ने कार्रवाई नहीं होने पर पुन: 20 जुलाई को चास बीडीओ को अनुपालन प्रतिवेदन अप्राप्त होने की बात कहते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है.
26 अप्रैल को आयी थी जांच रिपोर्ट : प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद नौ मार्च को शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच का निर्देश दिया गया. 26 अप्रैल को जन सेवकों ने जांच कर मनरेगा से निर्मित शौचालय निर्माण में गबन करने की बात स्पष्ट हुई थी. इस मामले में तत्कालीन बीडीओ बिजेंद्र कुमार फंसते नजर आ रहें है.
11 लाख 87 हजार का हुआ है गबन : सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सतनपुर में मनरेगा के तहत 33 कलस्टर में शौचालय निर्माण में लगभग 11 लाख 87 हजार का गबन हुआ है. हालांकि जांच में मात्र 33 लाभुकों के शौचालय निर्माण में गबन की बात कही गयी है. वहीं वास्तविकता इससे अलग है. पूरे गांव के शैचालय निर्माण में गड़बड़ी है.
सतनपुर शौचालय निर्माण में गड़बड़ी का मामला संज्ञान में है. अब तक क्यों कार्रवाई नहीं हुई है. इसकी जानकारी लेने के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
राय महिमापत रे, डीसी,बोकारो
इस मामले में संलिप्त लोगों का नाम नहीं मिलने के कारण नीलामपत्र वाद दायर नहीं किया जा सका है और न ही प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. डीडीसी कार्यालय से भेजा गया दूसरा पत्र मुझको अब तक नहीं मिला है.
कपिल कुमार , बीडीओ,चास
पूर्व में दिये गये निर्देश के आलोक में अनुपालन प्रतिवेदन नहीं मिलने के कारण मेरे स्तर से पुन: स्मार पत्र भेजा गया है. इस मामले की समीक्षा की जायेगी. दोषियों के विरुद्ध निश्चित रूप से कार्रवाई होगी.
दिगेश्वर तिवारी, डीडीसी, बोकारो
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