प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्गापाड़ा गोमो निवासी अश्विनी श्रीवास्तव के नाम पर सर्वप्रथम 15 मई 2015 को विद्यालय की ओर से प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या 100 पर सीएलसी जारी किया गया है. इसके बाद श्री श्रीवास्तव को विद्यालय में आवेदन देने के बाद पूर्व की ही तारीख पर क्रमांक तीन पर सीएलसी जारी किया गया है. इसी सीएलसी के आधार पर अश्विनी श्रीवास्तव का नामांकन सोहन लाल आर्या कॉलेज तुपकाडीह में हो जाता है.
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बिना प्राथमिकी के दूसरी बार विद्यालय ने जारी किया एसएलसी
चास. जगदीश प्रसाद वर्णवाल स्मारक उच्च विद्यालय, लावाबेड़ा नावाडीह की ओर से एक ही विद्यार्थी को बिना प्राथमिकी दर्ज कराये दूसरी बार विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र (सीएलसी) निर्गत करने का मामला प्रकाश में आया है. इसका खुलासा दुर्गापाड़ा गोमो निवासी अभिनव कुमार कुशवाहा के विद्यालय से आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ है. […]
चास. जगदीश प्रसाद वर्णवाल स्मारक उच्च विद्यालय, लावाबेड़ा नावाडीह की ओर से एक ही विद्यार्थी को बिना प्राथमिकी दर्ज कराये दूसरी बार विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र (सीएलसी) निर्गत करने का मामला प्रकाश में आया है. इसका खुलासा दुर्गापाड़ा गोमो निवासी अभिनव कुमार कुशवाहा के विद्यालय से आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ है.
पहले डिप्लोमा में नामांकन : बताया जाता है कि अश्विनी प्रथम सीएलसी के आधार पर अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी हैदराबाद में इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में नामांकन करा लेता है. कुछ दिन कॉलेज करने के बाद पढ़ाई छोड़ कर वापस घर आ जाता है. इसके बाद गोमो निवासी अभिनव कुमार कुशवाहा पर गोमो थाना में प्राथमिकी दर्ज कराकर प्रमाण पत्र रख लेने व नामांकन के नाम पर पैसा वसूलने का मामला दर्ज कराया जाता है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार अभिनव कुमार कुशवाहा की गिरफ्तारी होती है. इसके बाद अनुसंधानकर्ता ने जांच में पाया कि अश्विनी ने हैदराबाद में नामांकन कराया है और कॉलेज छोड़ कर वापस आ गया है. साथ ही अभिनव कुमार कुशवाहा पर झूठी प्राथमिकी दर्ज कराता है. इसके आधार पर श्री कुशवाहा को कोर्ट से जमानत मिल जाता है.
डीसी से की शिकायत : अभिनव कुमार कुशवाहा ने सोमवार को बोकारो डीसी से मिल कर बिना प्राथमिकी के विद्यालय द्वारा दूसरा सीएलसी जारी करने की शिकायत की है. साथ ही इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.
मामला गंभीर है, बिना प्राथमिकी के दूसरी बार सीएलसी जारी करने का नियम नहीं है. अगर जारी हुआ है तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
महिप कुमार सिंह, डीइओ, बोकारो.
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