रांची: हाइकोर्ट ने बुधवार को टाटा स्टील की ओर से कोयले पर अलग-अलग रॉयल्टी तय करने को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया.
87 पृष्ठों में दिये गये फैसले में अंतरिम आदेश पर लगायी गयी रोक को भी हटाने की बात कही गयी है. 13 फरवरी को मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रखा था.
प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि जामाडोभा वेस्ट बोकारो माइंस के मामले में राज्य सरकार ने वर्ष 2000 से लेकर 2008 के लिए 400 करोड़ रुपये की रायल्टी मांगी गयी है. रॉ कोल, वेस्ट कोल व मिडलिंग पर अलग-अलग रॉयल्टी तय की गयी. सरकार का रॉयल्टी तय करने का आधार सही नहीं है. वह मिनरल माइंस कॉन्सेशन रूल्स 1960 की धारा 64 बी व 64सी के विपरीत और असंवैधानिक है. उसे निरस्त करने का आग्रह किया गया था. सरकार की ओर से बताया गया था कि वर्ष 2002 में नियमावली में संशोधन कर प्रावधान को लागू किया गया है. 400 करोड़ रुपये रॉयल्टी मद में भुगतान करने का नोटिस दिया गया, जो विधि सम्मत है. बकाये रॉयल्टी पर सूद भुगतान का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.