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मां सरस्वती की पूजा आज, दोपहर एक बज कर एक मिनट तक शुभ योग

‘वर दे, वीणावादिनी वर दे: मुक्त ज्ञान से ही बनेगा नया भारत सरस्वती वंदना सुनने के लिए क्लिक करें सरस्वती माता की आरती सुनें रांची : बसंत पंचमी (मंगलवार) को मां सरस्वती की पूजा होगी. राजधानी के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों, शिक्षण संस्थानों व मुहल्लों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. मंगलवार को […]

‘वर दे, वीणावादिनी वर दे: मुक्त ज्ञान से ही बनेगा नया भारत

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सरस्वती माता की आरती सुनें

रांची : बसंत पंचमी (मंगलवार) को मां सरस्वती की पूजा होगी. राजधानी के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों, शिक्षण संस्थानों व मुहल्लों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. मंगलवार को रेवती नक्षत्र है. यह बसंत पंचमी को विशेष शुभ योग बना रहा है. आचार्य पंडित पीएन चौबे ने बताया कि पंचमी तिथि दोपहर एक बज कर एक मिनट तक मां की पूजा-अर्चना की जा सकती है. सर्वाधिक शुभ योग सुबह छह बजे से सुबह 8.38 मिनट तक है. इसके बाद भी दोपहर में पूजा का शुभ योग है.

* क्या है मान्यता

ग्रंथों में चार नवरात्रों में शक्ति पूजा का विशेष महत्व है. इसमें माघीय नवरात्र में मां सरस्वती की पूजा अर्चना का वर्णन किया गया है. माघ शुक्ल पक्ष पंचमी का प्रागट्य दिवस इसके लिए अच्छा माना जाता है. वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. वैसे तो पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा अर्चना ही करना अच्छा है. मां सरस्वती ब्रह्म की पुत्री है. इनका रंग चंद्रमा के समान धवल है. चारों हाथों में क्रमश: वीणा, पुस्तक, माला एवं वर मुद्रा में है. श्वेत कमल पर विरजमान है. हंस इनका वाहन है.

* पूजा की विधि

प्रात:काल सूर्योदय के बाद प्रथम या द्वितीय होरा (योग) में पूजा करना शुभ है. स्नान ध्यान करने के बाद नारियल, रौली, मौली, पान, सुपारी, साबुत चावल, दीपक, रूई, घी, प्रसाद, जल पात्र या कलश, चंदन, दूध, दही, शहद, चीनी, सिंदूर, पुष्प, पुष्पमाला, वस्त्र, कुमकुम, ऋतु फल, कपूर, इलाइची, लौंग आदि रख लें. सर्वप्रथम चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर मां शारदा एवं भगवान गणेश की प्रतिमा या फोटो स्थापित कर नौ ग्रह मंडल बनाये एवं कलश स्थापित करे. पवित्रीकरण करे. इसके बाद स्वस्ती वाचन, संकल्प करें. गणेश अंबिका पूजन के बाद कलश पूजन कर ले. इसके बाद नवग्रह पूजन कर मां सरस्वती का पूजन करे. मां भगवती का ध्यान करते हुए हाथ में पुष्प और अक्षत लेकर पूजा करे. मां को स्नान कराये और आरती उतारे. आरती के पश्चात हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर मां सरस्वती की प्रदक्षिणा करे. पूजन में हुई त्रुटियों के लिए मां सरस्वती एवं सभी देवी-देवताओं क्षमा याचना करें. इसके बाद मां के आसन को भी प्रणाम करें.

* मां को ये करें अर्पित

फल-फूल नवैद्य एवं ऋतु फल (बैर एवं आम का मंजर, गाजर) आदि

मोर पंख के बने चंवर मां को भेंट करें

* कौन क्या करे

विद्यार्थी क्या करे : इस दिन गरीब बच्चों के बीच पुस्तक, कलम,बैग, पेन, पेंसिल आदि का दान करना अच्छा है.

कला जगत के लोग : वीणा एवं बांसुरी का दान करे. इस दिन बांसुरी घर में लाना शुभकर है.

राजकीय सेवा : सफेद वस्त्र दान कर सकते हैं

वकील : चांदी का हंस मंदिर में दान देना शुभकर है.

अध्यापक : पीले वस्त्र अथवा मोती का माला दान कर सकते हैं.

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