कांकेबार में फोरलेन का नक्शा बदलना पड़ा था
अंजुमन इसलाहुल मुसलेमीन की बैठक में किया तय
रामगढ़ : रामगढ़ के कांकेबार स्थित नूरी मसजिद को स्थानीय मुसलिम समुदाय के लोगों ने स्थानांतरित करने का फैसला लिया है. शनिवार को अंजुमन इसलाहुल मुसलेमीन (गोल पार, रामगढ़) की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. बैठक की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित रूप से दे दी गयी है.
एनएचएआइ ने एनएच-33 को फोर लेन करने के क्रम में इस मसजिद के कारण नक्शा बदला था. इसके विरोध में दूसरे गुट के लोगों ने सड़क पर ही मां काली की प्रतिमा स्थापित कर दी थी.
शांति बनाये रखने के लिए लिया फैसला : अंजुमन इसलाहुल मुसलेमीन की बैठक शनिवार को मजहरे हसनात (गोल पार) में हुई. इसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों के उलेमा, सामाजिक व सियासी लोग मौजूद थे. निर्णय लिया गया कि रामगढ़ में हर हाल में शांति और सदभाव बनाये रखा जाये. बैठक में लिये गये फैसले को लिखित रूप दिया गया.
कहा गया कि पूर्व में विभिन्न मुसलिम धार्मिक संस्थाओं व धार्मिक गुरुओं ने स्पष्ट किया था कि मसजिद अपने स्थान पर बरकरार रहेगा. प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गयी थी. इसके बाद पिछले दिनों जिला प्रशासन के साथ बैठक भी हुई. इसमें भी निर्णय लिया गया था कि मसजिद अपनी जगह पर ही रहेगी, पर वहां नमाज नहीं पढ़ी जायेगी.
जिला प्रशासन और एनएचएआइ इसके बदले जमीन उपलब्ध करायेगा, जिस पर एक नयी मसजिद का निर्माण होगा. इसी के तहत एनएचएआइ ने वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था कर ली, जिसमें मुसलिम समाज की सहमति थी. पर इस बैठक के बाद दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रामगढ़ के ऐतिहासिक शांति, सदभाव की परंपरा को खराब करने की कोशिश की गयी. इसे देखते हुए मुसलिम समाज के उलेमा, सामाजिक, राजनैतिक व प्रबुद्ध लोगों ने आम जनता के व्यापक हित में नूरी मसजिद को अपने स्थान से कांकेबार में ही उचित स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है.
अधिकारियों को अवगत कराया : अंजुमन इसलाहुल मुसलेमीन की बैठक के बाद मुसलिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें अंजुमन इसलाहुल मुसलेमीन की बैठक में लिये गये निर्णयों से अधिकारियों को अवगत कराया गया. उन्हें लिखित रूप से अपने निर्णयों की जानकारी दी.
क्या है विवाद : रामगढ़ में कांकेबार स्थित नूरी मसजिद और माता काली का मंदिर फोर लेन बनाने के क्रम में आ रहे थे. लोगों को समझा-बुझा कर माता काली का मंदिर हटा दिया गया था. प्रतिमा को बगल के मायाटुंगड़ी पहाड़ स्थित महामाया मंदिर में स्थापित कर दिया गया था. पर मुसलिम समुदाय ने मसजिद हटाने की रजामंदी नहीं दी थी. इसके बाद सड़क निर्माण का नक्शा बदल दिया गया. एक गुट के लोगों का आरोप था कि आश्वासन के बाद भी प्रशासन ने मसजिद नहीं हटायी. इसके बाद उस गुट के लोगों ने बीच सड़क पर ही माता काली की प्रतिमा स्थापित कर दी और मंदिर बना लिया.
क्या-क्या निर्णय
– मुसलिम समाज मसजिद स्थानांतरण के बदले प्रशासन व एनएचएआइ से आर्थिक सहयोग नहीं लेगा
– मसजिद के जमीन व भवन का मुआवजा भी नहीं लेगा
– जिला प्रशासन से कांकेबार में ही कोई गैर विवादित वैकल्पिक पांच डिसमिल जमीन सरकारी दर पर उपलब्ध कराने को कहा. इसकी राशि का भुगतान अंजुमन कमेटी करेगी
– प्रशासन को मसजिद हटाने की आवश्यकता नहीं है. मुसलिम समाज स्वयं मसजिद स्थानांतरित कर लेगा