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रांची: झारखंड गठन के 13 वर्ष हो गये. राज्य के पास अपनी विधानसभा का भवन नहीं है. सरकार ने नयी विधानसभा भवन के लिए पहल की. रास्ता निकाला. इसके लिए कोई नयी जमीन अधिग्रहीत नहीं की जा रही है. वर्षो पहले एचइसी की स्थापना के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उसके खाली […]

रांची: झारखंड गठन के 13 वर्ष हो गये. राज्य के पास अपनी विधानसभा का भवन नहीं है. सरकार ने नयी विधानसभा भवन के लिए पहल की. रास्ता निकाला. इसके लिए कोई नयी जमीन अधिग्रहीत नहीं की जा रही है. वर्षो पहले एचइसी की स्थापना के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उसके खाली पड़े भू-भाग पर निर्माण हो रहा है.

सरकार ने एचइसी से जमीन ली है, जिस पर कोर कैपिटल बना कर आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है. राजधानी का विस्तार जरूरी है. एचइसी के लिए जरूरत से ज्यादा जमीन वर्षो पहले ली गयी. बड़ा इलाका बंजर है. खाली क्षेत्रों में अतिक्रमण भी हो रहा है. मूल रैयत तो पहले ही उजड़ चुके हैं. अब बवाल मचाया जा रहा है. एचइसी के लिए वर्ष 1958 में अधिग्रहण शुरू किया गया. 1960-61 तक अधिग्रहण कार्य चला. कई लोगों को मुआवजा मिला. नौकरियों भी दी गयीं. यह भी सही है कि कई लोगों के साथ न्याय नहीं हुआ. न्याय मिलना भी चाहिए, लेकिन यह सब नये विधानसभा भवन का निर्माण रोक कर संभव नहीं है. विस्थापितों के हक की बात सही है, लेकिन इस तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि सरकार की जमीन पर अतिक्रमण हुआ. विस्थापितों ने कारखाने के लिए जमीन दी. आज उसी जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया. वर्षो पहले अधिग्रहीत जमीन पर आज सरकार को जवाब देना पड़ रहा है.

7199 एकड़ जमीन अधिग्रहीत हुई थी
एचइसी की स्थापना के लिए 7199 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. कई गांवों के लोग विस्थापित हुए थे. तीन हजार एकड़ में फैक्टरी फैली है. बाकी अधिग्रहीत जमीन में आवासीय परिसर है. इसमें हजारों एकड़ जमीन खाली है. इसी बची हुई जमीन से 2342 एकड़ जमीन एचइसी से राज्य सरकार ने ली है. इसमें विधानसभा, राजभवन, उच्च न्यायालय सहित कोर कैपिटेल का निर्माण होना है.

विरोध के बीच कुटे में रखी गयी विधानसभा के नये भवन की आधारशिला, बोले मुख्यमंत्री विश्वास की नींव पर होगी विधानसभा
रांची: कुटे गांव के लोगों के सांकेतिक विरोध के बीच मंगलवार को कोर कैपिटल एरिया में नयी विधानसभा के सभा-वेश्म और सभा सचिवालय भवन की आधारशिला रखी गयी. समारोह में नेता प्रतिपक्ष अजरुन मुंडा, सांसद सुबोधकांत सहाय व विधायक नवीन जायसवाल शामिल नहीं हुए. श्री सहाय के नेतृत्व में समारोह स्थल से पहले ग्रामीणों ने धरना देकर विरोध जताया.

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिलान्यास के बाद कहा कि लंबे अंतराल के बाद लोकतंत्र के मंदिर (विधानसभा) की आधारशिला रखी जा रही है. कुटे गांव में ऐतिहासिक भवन बनाने की परिकल्पना है. विकास की नींव विश्वास पर खड़ी होती है. ऐसे में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के विश्वास की नींव पर ही विधानसभा खड़ी होगी. उन्होंने कहा कि विस्थापितों की मांग पर सरकार गंभीर है. इस संबंध में उनसे वार्ता भी हुई है. विस्थापितों को सरकार पहले से भी अच्छा अवसर प्रदान करेगी. उन्हें भी बसाने के लिए योजना बनायी गयी है.

विधानसभा भवन बनने के बाद कुटे स्वर्ग जैसा दिखायी देगा. श्री सोरेन ने कहा कि जब वर्तमान विधानसभा में सत्र शुरू होता है, तो यहां हाट-बाजार की तरह स्थिति उत्पन्न हो जाती है. कुटे गांव की जमीन का इस्तेमाल किसी उद्योग, मंदिर बनाने के लिए नहीं हो रहा है. यहां बैठ कर जनप्रतिनिधि जन की नीतियां बनायेंगे. पहले यहां कई शिलान्यास और उद्घाटन हुए हैं. बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, लेकिन यह शिलान्यास उनसे हट कर है. सभी लोग इस विधानसभा को अनोखा बनाने में सुझाव दें. विधायकों की अनुपस्थिति पर कहा कि समारोह में सभी विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा गया था. खैर उनकी जगह प्रतिनिधि के तौर पर जनता गवाह है. निर्माण कार्य में उत्पन्न होनेवाली समस्याओं का समाधान कर शीघ्र निर्माण कार्य पूरा करने का प्रयास किया जायेगा. जीआरडीए के प्रधान सचिव डीके तिवारी ने कहा कि पूरे परिसर को विकसित करने की योजना बनायी गयी है. विस्थापितों को बसाया जायेगा. भवन निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने विधानसभा परिसर की विस्तार से जानकारी दी.

क्या-क्या होंगे

विधानसभा का अष्टभुजीय स्वरूप होगा, परिसर 39 एकड़ में होगा.

कुल क्षेत्रफल तीन लाख वर्गफीट होगा, इसमें 32000 वर्ग फीट की सर्विस बिल्डिंग होगी.

नयी राजधानी 2342 एकड़ में

प्रस्तावित नयी राजधानी रांची शहर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में रिंग रोड से लगभग तीन किमी तथा एनएच 75 से लगभग दो किमी की दूरी पर अवस्थित है. इसका कुल क्षेत्रफल 2342 एकड़ है. इस स्थल का संपर्क रांची शहर के दूसरे भागों से काफी अच्छा है.

तीन मंजिला होगा भवन

ग्राउंड फ्लोर में वीआइपी लॉबी, सपोर्टिग ऑफिस, कैंटीन, प्रेस रूम, सिक्यूरिटी बैरक होंगे.

फर्स्‍ट फ्लोर में 120 विधायकों के बैठने के लिए सभा कक्ष, सेंट्रल लांज, सभापति कक्ष व कार्यालय, विस सचिव कक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक आदि के कार्यालय.

सेकेंड फ्लोर में मंत्रियों एव समितियों के कक्ष, पुस्तकालय सभा कक्ष, प्रेस एवं मीडिया कक्षों का निर्माण किया जायेगा.

कोर कैपिटल एरिया में क्या-क्या होंगे
जीआरडीए ने कोर कैपिटल एरिया के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है. इसमें विधानसभा भवन, राजभवन व हाइकोर्ट को लेकर एक ट्राइडेंट फॉरमेशन की परिकल्पना है. तीनों भवन विजुवली कनेक्टेड हैं.

विधानसभा भवन को बीच में रखते हुए दोनों तरफ सचिवालय होंगे, जो इस सोच को भी मजबूती देती है कि लोकतंत्र के स्तंभों में विधानसभा सवरेपरि है.

डिजाइन एवं रंगों की परिकल्पना भारतीय एवं स्थानीय वास्तुकला से प्रेरित है.

लैंड स्केपिंग में स्क्वायर एंड डायगोनल ज्योमेट्री की परिकल्पना.

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