रांची: राज्य सरकार शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पांच वर्ष में भी पूरी नहीं हुई है. वर्ष 2009 में जेपीएससी ने 2513 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया था. कुल 25 विषयों में शिक्षक नियुक्ति के लिए दो विज्ञप्तियां जारी की गयी थी. पहली विज्ञप्ति में दस व दूसरी में 15 विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन जमा लिया गया था.
मानव संसाधन विकास विभाग ने दस विषयों की परीक्षा लेने की अनुमति झारखंड एकेडमिक काउंसिल को जून 2013 में दी. इसके बाद शेष 15 विषयों के परीक्षार्थी परीक्षा लेने की मांग को लेकर हाइकोर्ट चले गये. हाइकोर्ट ने 15 विषयों की परीक्षा लेने का आदेश शिक्षा विभाग को दिया. अब विभाग ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को 15 विषयों की भी परीक्षा लेने की अनुमति दी है.
क्या है मामला
सरकार ने शुरू में अपग्रेड उच्च विद्यालयों में परीक्षा लेने की जिम्मेदारी जेपीएससी को दी थी. इसके द्वारा परीक्षा नहीं लेने पर शिक्षा विभाग ने जुलाई 2011 में यह जिम्मेदारी जैक को दे दी. जैक ने नये सिरे से आवेदन आमंत्रित किया. इसमें नियुक्ति के लिए जैक ने कट ऑफ डेट एक जनवरी 2011 निर्धारित किया गया जबकि जेपीएससी ने एक जनवरी 2009 निर्धारण किया था. उम्र में अंतर आने के कारण लगभग 40 हजार उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो गये.
डेढ़ वर्ष से इंतजार
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने अपग्रेड उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की परीक्षा अगस्त 2012 में ली थी. शिक्षा विभाग ने बाद में जेपीएससी के माध्यम से आवेदन जमा करने वाले विद्यार्थी की भी परीक्षा लेने को कहा. इसके कारण अब तक परीक्षा रिजल्ट जारी नहीं किया जा सका है.