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राज्य के 20 हजार गांवों को चाहिए ट्रांसफारमर

रांची: राज्य में 20 हजार गांवों का विद्युतीकरण राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत हो चुका है. इन गांवों में 16 और 25 केवीए के ट्रांसफारमर लगाये गये हैं, जिसके चलते आये दिन ट्रांसफारमर जलने की शिकायतें मिलती रहती है. कभी इस गांव में ट्रांसफारमर जलता है, तो कभी उस गांव में. स्थिति यह […]

रांची: राज्य में 20 हजार गांवों का विद्युतीकरण राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत हो चुका है. इन गांवों में 16 और 25 केवीए के ट्रांसफारमर लगाये गये हैं, जिसके चलते आये दिन ट्रांसफारमर जलने की शिकायतें मिलती रहती है. कभी इस गांव में ट्रांसफारमर जलता है, तो कभी उस गांव में. स्थिति यह है कि अभी भी पांच हजार से अधिक गांवों में विद्युतीकरण के बावजूद ट्रांसफारमर की वजह से बिजली नहीं है. अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन गांवों में 63 व 100 केवीए के ट्रांसफारमर लगाने की है. इसके लिए बड़ी रकम की जरूरत होगी. हर गांव में बिजली का सपना तभी साकार हो सकता है, जब गांवों में उच्च क्षमता के ट्रांसफारमर लगाये जाये.

वितरण नेटवर्क भी कमजोर
गांवों के साथ-साथ कई शहरों में भी वितरण नेटवर्क कमजोर है. इसकी वजह से कभी लो वोल्टेज की समस्या रहती है तो कभी बिजली कटने की. ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफारमर जलने पर 15-15 दिन लग जाते हैं बदलने में. वहीं तार टूटने पर भी लंबा वक्त लगता है. बिजली नेटवर्क को मजबूत करने के लिए छोटे-छोटे कई उपकरणों की आवश्यकता होती है, जिसकी कमी हमेशा बनी रहती है. पावर सबस्टेशन के जरिये इस नेटवर्क को और मजबूत किया जा सकता है.

एक भी पावर प्लांट नहीं बना
झारखंड बने भले ही 13 वर्ष बीत गये हैं, पर राज्य में अबतक एक भी नया पावर प्लांट नहीं लग सका है. निजी कंपनी टाटा पावर व आधुनिक पावर द्वारा एक-एक पावर प्लांट की स्थापना की गयी है. आधुनिक पावर को कोयले की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. राज्य सरकार के स्तर से अभी पावर प्लांट लगने की योजना पर काम चल रहा है. पतरातू में नये पावर प्लांट के लिए निविदा जारी कर दी गयी है. दूसरे पावर प्लांट के लिए प्रक्रिया चल रही है. इसी तरह गढ़वा व तेनुघाट में एक-एक पावर प्लांट की योजना है.

14वें वित्त आयोग से 3500 करोड़ की मांग
14वें वित्त आयोग के समक्ष ऊर्जा विभाग 3500 करोड़ रुपये की मांग करेगा. इसमें दो हजार करोड़ रुपये ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफारमर की क्षमता बढ़ाने के लिए मांग की जायेगी. इस राशि से 16 केवीए व 25 केवीए के ट्रांसफारमर बदल कर 63 व 100 केवीए के ट्रांसफारमर लगाये जायेंगे. 1500 करोड़ रुपये की मांग वितरण नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए की जा रही है. इस राशि ग्रिड सब स्टेशन व पावर सब स्टेशन के अलावा पुराने तारों को बदलने की योजना है.

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