रांचीं: अटल बिहारी वाजपेयी को रांची व खूंटी से काफी लगाव रहा है. रांची आने पर वे खूंटी जरूर जाते थे. वे काफी सरल हृदय व ज्ञानी व्यक्ति हैं. इमरजेंसी के बाद डेढ़ दिन साथ बितानेवाले ज्ञान प्रसाद जालान ने ये बातें बतायी.
उन दिनों श्री जालान काफी युवा थे. वाजपेयी जी का उन पर काफी प्रभाव पड़ा. श्री वाजपेयी के साथ उन्होंने कुडू-घाघरा आदि क्षेत्रों का दौरा किया. काफी कुछ सीखा. श्री जालान ने बताया कि सादा जीवन व उच्च विचार कैसे पाया जा सकता है, यह वाजपेयी जी से ज्यादा कोई और नहीं बता सकता. उनके आभा मंडल में काफी तेज है.
साथ ही उनकी हिम्मत व जोश का भी कोई सानी नहीं है. उनसे मिलने के बाद हर कोई उनसे प्रभावित हो जाता है. वहीं जनसंघ के समय से सक्रिय रहे 80 वर्षीय गौरी शंकर मोदी ने बताया कि वर्ष 1953 में भी वाजपेयी जी रांची आये थे. उस समय भी उनके भाषण को लोग बारिश में भीगते हुए भी सुनते थे. रांची प्रवास के दौरान वे कभी होटल में नहीं ठहरे. हमेशा किसी न किसी के घर में ही ठहरते. वह बताते कि इससे लोगों से जुड़ाव बढ़ता है.