रांची:प्रश्नकाल में भी स्थानीयता का मामला उठा. भाजपा विधायक रघुवर दास ने मामला उठाते हुए पूछा कि सरकार की इस मामले में क्या नीति और नीयत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बोलने से मेरी व्यक्तिगत राय होगी. इस पर रघुवर दास ने कहा कि मैं हेमंत सोरेन से नहीं, सरकार से पूछ रहा हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा पहला टर्म है. पिछले 13 वर्षो से यह मामला चल रहा है. किसने क्या-क्या किया है, सबको मालूम है. सरकार जो कहती है, वह करती है. हम 13 वर्षो के लंबित कार्यो को धरातल पर उतारने की सोच रहे हैं.
स्थानीयता पर रिपोर्ट तीन माह में
स्थानीयता के मुद्दे पर सदन एक बार फिर गरमाया. पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने स्थानीयता के मुद्दे पर सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करने को कहा. माले विधायक विनोद सिंह ने पहली पाली में सरकार से पूछा: स्थानीयता को लेकर पहले भी कमेटी बनी थी. सरकार बताये कि उस कमेटी ने क्या काम किया. वर्तमान में बनी कमेटी में कौन-कौन लोग हैं. यह कितने दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी. प्रभारी मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि पहले भी कमेटी बनी थी, उस कमेटी की बैठक भी हुई थी. विनोद सिंह ने कहा कि यह सदन को जानने का अधिकार है कि कमेटियां कितनी गंभीरता से काम करती है.
यह मामला 13 वर्षो से चल रहा है. प्रभारी मंत्री ने कहा कि तीन महीने में सरकार द्वारा बनायी गयी कमेटी रिपोर्ट दे देगी. इधर, सत्ता पक्ष के विधायक मथुरा प्रसाद महतो, जगन्नाथ महतो स्थानीयता नीति चालू सत्र में घोषित करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे थे. सत्ता पक्ष के हेमलाल मुरमू ने यहां तक कहा कि पिछली सरकार से स्थानीयता के मुद्दे पर ही समर्थन वापस लिया गया था. इस मामले पर जल्द निर्णय होना चाहिए. बाद में इन्हें सदन के अंदर लाया गया. विपक्ष की ओर से सीपी सिंह ने कहा कि मामला गंभीर है. पिछली कमेटी में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सदस्य थे.
उनसे ही सुन लिया जाये कि स्थानीयता को लेकर पिछली कमेटी ने क्या काम किया. प्रदीप यादव का कहना था कि सरकार सदन को बताये कि उसके पास क्या खाका है. रघुवर दास ने कहा कि सरकार राज्य की जनता को गुमराह कर रही है. साझा कार्यक्रम में कमेटी बनाने की बात थी. पांच महीने में कमेटी बनी. सरकार की मंशा साफ नहीं है. वोट बैंक की राजनीति हो रही है. विधायक बंधु तिर्की का कहना था कि पिछली कमेटी का प्रतिवेदन सरकार सदन में रखे. सुदेश कुमार महतो ने कहा कि पिछली कमेटी की तीन बैठकें हुईं थीं. आठ राज्यों की रिपोर्ट भी मंगायी गयी थी. स्थानीयता का मामला राज्य गठन के उद्देश्य से जुड़ा है. सरकार पिछली कमेटी के काम को आधार बना कर आगे निर्णय ले सकती है.