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शीघ्र दूर होंगी शिक्षकों की समस्याएं: हेमंत सोरेन

रांची: अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की समस्याओं का समाधान इसी महीने करने का प्रयास किया जायेगा. झारखंड अल्पसंख्यक एवं सहायता प्राप्त विद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी संयुक्त समिति की ओर से एसडीसी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र के बाद 10 दिनों के अंदर अल्पसंख्यक विद्यालयों […]

रांची: अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की समस्याओं का समाधान इसी महीने करने का प्रयास किया जायेगा. झारखंड अल्पसंख्यक एवं सहायता प्राप्त विद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी संयुक्त समिति की ओर से एसडीसी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र के बाद 10 दिनों के अंदर अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रतिनिधियों व वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर समाधान का प्रयास किया जाएगा. विकास के मामले में कोई भी कानूनी बाधा नहीं आनी चाहिए. संताल परगना व छोटानागपुर में स्कूलों की प्रस्वीकृति के मामले में कुछ व्यवधान है, जिसे दूर किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों ने जिस तरह सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र तक शिक्षा फैलाने का प्रयास किया है, वह प्रशंसनीय है. शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है. राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है. पर, झारखंड अभी भी पिछड़ा है और इसका मूल कारण शिक्षा की कमी है.

अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं की प्रस्तावित नियमावली सौंपी
मुख्यमंत्री को झारखंड क्रिश्चियन अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान संघ, झारखंड अल्पसंख्यक एवं सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ व झारखंड अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से मांग पत्र की प्रति सौंपी गयी. बिशप चाल्र्स सोरेंग ने सरकार की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं की प्रस्तावित नियमावली 2013 की प्रति सौंपी. फादर हुबतरुस बेक ने अल्पसंख्यक विद्यालयों की प्रस्वीकृति संबंधी, सिस्टर सोसन बाड़ा ने शिक्षक इकाई, निरंजन कुमार सांडिल ने अंशदायी पेंशन योजना 2004 और ब्रदर सिरिल लकड़ा ने अव्यवहृत उपाजिर्त अवकाश से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया.

शिक्षा से बढ़ कर कोई आशीर्वाद नहीं : कार्डिनल
कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा कि शिक्षा से बढ़कर कोई आशीर्वाद नहीं हो सकता. हेमंत सोरेन की सरकार के माध्यम से लोगों को ईश्वर का यह आशीर्वाद मिलेगा. कहा : शिक्षा के प्रचार-प्रसार से काफी भला होता है. इससे ने केवल लोगों के बीच जागरूकता फैलती है, बल्कि उनमें आत्मबल का विकास भी होता है. विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि टेट नियुक्ति नियमावली कानून बनने के पहले की अवधि से लागू नहीं की जा सकती. शिक्षा विभाग द्वारा अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के मामले में अस्पृश्य जैसा व्यवहार होता है.इससे लोगों नाखुश होते हैं. इस अवसर पर बिशप जोलेन मार्शल तोपनो, बिशप दुलार लकड़ा, बिशप विनय कंडुलना, बिशप विंसेंट बरवा, बिशप पॉल लकड़ा, मदर जेनरल सिस्टर लिंडा मेरी वॉन, सिस्टर इवा जस्टिना रोमोल्ड व शिक्षक – शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गयी.

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