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हथियार चोरी मामले में पुलिस ने मंत्री से ली जानकारी

-देर रात तक बॉडीगार्ड नवनीत की सर्विस रिवाल्वर की खोज होती रही हजारीबाग, रांचीः हजारीबाग के पीएचइडी गेस्ट हाउस से बॉडीगॉर्ड के हथियार चोरी होने को लेकर रविवार को पुलिस ने मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल से घटना की जानकारी ली. पुलिस अधिकारियों ने बंद कमरे में उनसे करीब 45 मिनट तक बातचीत की. इस बीच […]

-देर रात तक बॉडीगार्ड नवनीत की सर्विस रिवाल्वर की खोज होती रही

हजारीबाग, रांचीः हजारीबाग के पीएचइडी गेस्ट हाउस से बॉडीगॉर्ड के हथियार चोरी होने को लेकर रविवार को पुलिस ने मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल से घटना की जानकारी ली. पुलिस अधिकारियों ने बंद कमरे में उनसे करीब 45 मिनट तक बातचीत की. इस बीच मंत्री ने कहा है कि उनके खिलाफ साजिश रची गयी है. डीजीपी ने ही नवनीत को मेरा बॉडीगॉर्ड नियुक्त किया था, इसलिए डीजीपी के खिलाफ जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के एसपी उनका फोन नहीं उठाते.

सर्किट हाउस के बंद कमरे में 45 मिनट तक की बातची

डीएसपी अरविंद कुमार सिंह और थाना प्रभारी रामदयाल मुंडा थे मौजूद

हजारीबागः बॉडीगॉर्ड के हथियारों की चोरी के मामले में पुलिस ने पेयजल स्वच्छता व उत्पाद मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल से जानकारी ली. मंत्री रविवार को दिन के 12 बजे हजारीबाग परिसदन पहुंचे. वहां हजारीबाग के डीएसपी अरविंद कुमार सिंह और थाना प्रभारी रामदयाल मुंडा ने बंद कमरे में उनसे बातचीत की. करीब 45 मिनट की बातचीत के बाद डीएसपी ने बताया : मामले में मंत्री से जानकारी ली गयी है. उन्होंने सहयोग भी किया. एसपी मनोज कौशिक ने बताया : मंत्री से पूरी घटना पर जानकारी देने के लिए आग्रह किया गया था. वह सहयोग कर रहे हैं.

देर से कार्यक्रम में गये मंत्री : मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल को दिन के 11 बजे एक कार्यक्रम में शामिल होने बनासो जाना था. पर पुलिस ने उनसे जानकारी मांगी. थाना प्रभारी रामदयाल मुंडा और पेलावल ओपी के इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार महतो सुबह में ही मंत्री के हजारीबाग के नूतन नगर स्थित आवास पर पहुंचे. दोनों ने एसपी मनोज कौशिक के मंत्री आवास पर आने की सूचना दी और उनसे रुकने का अनुरोध किया.

फिर थाना प्रभारी से बात करने के बाद दिन के करीब 11.43 बजे मंत्री खुद ही सर्किट हाउस के लिए निकल गये. यहां दिन के एक बजे से 1.43 बजे तक बंद कमरे में डीएसपी अरविंद कुमार सिंह और थाना प्रभारी रामदयाल मुंडा ने मंत्री से घटना से संबंधित जानकारी ली. इसके बाद दिन के करीब 1.45 बजे मंत्री बनासो के लिए रवाना हुए.

सर्विस रिवाल्वर की खोज

रविवार देर रात हजारीबाग में डिस्टिक बोर्ड चौक के आगे विशेष प्रमंडल कार्यालय और राजेंद्र लॉ कॉलेज के बीच में स्थित तालाब के किनारे झाड़ियों में नवनीत तिवारी की सर्विस रिवाल्वर और 35 गोलियों की खोज हुई. इसके लिए विशेष जेनरेटर के जरिये बिजली की व्यवस्था की गयी थी. शनिवार को इसी स्थान से चोरी गयी दो एक -47 और 150 गोलियां नवनीत तिवारी की निशानदेही पर बरामद की गयी थी.

मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा डीजीपी ने ही भेजा था गार्ड नवनीत को

पेयजल स्वच्छता व उत्पाद मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने इस पूरे प्रकरण पर रविवार को मीडिया से बातचीत की. यहां भाषाई अशुद्धियों को दूर कर उनके बयान को हू-ब-हू लिखा गया है.

हजारीबाग जिला प्रशासन को बधाई दूंगा कि चोरी गये हथियारों को बरामद कर लिया गया. बधाई के साथ खेद प्रकट करता हूं कि हथियार जिस जगह से चोरी हुए थे, उसकी बगल की झाड़ी से बरामद होते हैं. प्रशासन ने इतने दिनों तक आसपास के स्थलों में भी छानबीन नहीं की थी. कुछ दिन पहले रामगढ़ व ओरमांझी के बीच घटना घटी, उस मामले में रामगढ़ एसपी ने क्या जांच की, हथियार का क्या हुआ, किस थाने में मामला दर्ज हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी गयी. 23 नवंबर को जो भी कार्यक्रम थे, संबंधित जिलाधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गयी थी. लक्ष्यो जाने की बात हो रही है, वहां कार्यक्रम में गया था. वहां के स्थानीय थाने के सुरक्षाकर्मी लगे हुए थे. कार्यक्रम की जानकारी पहले से होगी, तभी तो सुरक्षाकर्मी लगे थे. घाटो थाना प्रभारी वाल्मीकि सिंह को हटाने के लिए रामगढ़ एसपी से कई बार कहा. थानेदार के खिलाफ क्षेत्र से कई शिकायतें मिल रही थी. सारी जानकारी एसपी को दी थी, लेकिन क्यों नहीं कार्रवाई हुई.

24 नवंबर को हजारीबाग के नूतन नगर में तैयार होकर बनासो के कार्यक्रम में जाने के लिए निकला. जानकारी मिली कि पीएचइडी के गेस्ट हाउस से सुरक्षाकर्मियों के हथियार चोरी हो गये हंै. इस कारण सुरक्षाकर्मी यहां नहीं पहुंचे हैं. मैंने तत्काल एसपी मनोज कौशिक को फोन पर जानकारी दी. एसपी ने बताया कि वह रांची में हैं. इसके बाद डीएसपी अरविंद कुमार से बात हुई. मैं घर से तत्काल घटनास्थल पीएचइडी गेस्ट हाउस पहुंचा. वहां डीएसपी अरविंद कुमार सिंह भी पहुंच गये. थोड़ी देर बाद वहां डीएसपी सतीश चंद्र झा भी पहुंचे. मैं दो घंटे तक घटनास्थल पर रहा. चारों-ओर जांच पड़ताल और हथियारों की खोजबीन करवायी. उस दिन भी मैंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पूरे मामले की छानबीन करें. जिससे भी पूछताछ करनी हो, करें.

रविवार सुबह रांची के अखबारों में छपी खबर के अनुसार बताया गया कि हथियार चोरी में मंत्री की संलिप्तता है, स्पेशल ब्रांच का सिपाही नवनीत तिवारी ने पुलिस को यह जानकारी दी है. यह बात बिल्कुल गलत है. साजिश है. मेरी बढ़ती लोकप्रियता और लगातार क्षेत्र में घूम-घूम कर जो विकास का काम जमीन पर उतार रहा हूं, इससे घबरा गये हैं. इसलिए मुङो और मेरी पार्टी को बदनाम करने के लिए यह सब किया गया है. इसमें मीडिया वाले भी लगे हुए हैं.

कुछ दिन पहले रामगढ़ में घटना घटी. स्पेशल ब्रांच के सिपाही को क्लोज कर दिया गया. उस समय डीजीपी से कहा था कि मेरी सुरक्षा में बेहतर सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करायें. डीजीपी ने स्पेशल ब्रांच के सिपाही नवनीत तिवारी को मेरी सुरक्षा में लगाया. यह नवनीत तिवारी कैसा सुरक्षाकर्मी है, जो अपना हथियार ही चोरी करवा दिया. डीजीपी ने ऐसे सुरक्षाकर्मी को क्यों तैनात किया, क्या यही चुस्त-दुरुस्त सुरक्षाकर्मी है, जो अपना हथियार लुटवा दे, ऐसा पुलिसकर्मी भेजा गया, जो चोरी की घटना को अंजाम दिलवा दे, मैं मुख्यमंत्री से मांग करूंगा कि इस पूरे मामले को लेकर डीजीपी पर जांच होनी चाहिए. निजी ड्राइवर को रखने पर मंत्री पर सवाल उठाते हैं. ऐसे में स्पेशल ब्रांच के सिपाही को मंत्री के पास भेजने पर डीजीपी पर क्यों नहीं जांच होनी चाहिए.

सरकारी ड्राइवर को हटा कर निजी ड्राइवर रखने का आरोप भी गलत है. मंत्रालय से अनुबंध पर जो ड्राइवर दिये गये, एक-दो दिन रहने के बाद वे भाग जाते हैं. हम आठ घंटे डय़ूटी करनेवाले अधिकारी नहीं हैं. जनता से जुड़े रह कर 18 घंटा क्षेत्र का भ्रमण करते हैं. ड्राइवर भाग जायेगा, तो गाड़ी चलाने के लिए किसी को रखेंगे ही. जब मंत्रलय का ड्राइवर आ जाता, तो उसे फिर गाड़ी में रख लेते. इसलिए यह आरोप कि निजी ड्राइवर को किसी को हटा कर रखे थे, गलत है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री ने मंत्रलय से आये एक ड्राइवर सुबोध को भी पेश किया, जो काफी उम्र दराज था. मंत्री ने कहा : बताइये, मंत्री का काफिला आधा किमी आगे चला जाता है, तब सुरक्षाकर्मियों को लेकर पहुंचते हैं. ऐसे ड्राइवर से गाड़ी चलेगी. ड्राइवर डय़ूटी छोड़ कर चले जाते हैं, तो क्या करना चाहिए. स्पेशल ब्रांच के सिपाही नवनीत तिवारी को पहले मैं नहीं जानता था. डीजीपी ने कुछ दिन पहले जब सुरक्षा में लगाया, तो मैं उसे जाना. इस सिपाही का प्रमाण पत्र डीजीपी के पास ही होगा.

उन्होंने कहा : एसपी पिछले तीन दिनों से मोबाइल नहीं उठा रहे हैं. झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री का फोन नहीं उठा रहे हैं. यह गंभीर बात है कि नहीं. घटना के बारे में कोई बातचीत नहीं हुई. हम हमेशा सहयोग के लिए तैयार हैं. मंत्री के रूप में एसपी से बातचीत के लिए बहुत प्रक्रिया है. लेकिन दिल से पुलिस को सहयोग करना चाहते हैं, ताकि हथियार चोरी की जांच का पूरा खुलासा हो जाये.

स्व टेकलाल महतो के अंगरक्षक से हथियार लूट की घटना को इस चोरी से जोड़ कर पेश किया जा रहा है. यह भी गलत है. संयोग है कि इस तरह की घटना हुई. हथियार भी मिल गया. लेकिन मीडिया इस बात को क्यों नहीं प्रकाशित किया कि टेकलाल महतो पांच साल सांसद रहे, लेकिन एक भी बॉडीगॉर्ड नहीं लिया. वे इतना दुखी हो गये थे कि बिना सुरक्षाकर्मी के सांसद और विधायक का कार्यकाल पूरा किया. सुरक्षाकर्मी लेना पसंद नहीं किया.

रामगढ़ में झारखंड मुक्ति मोरचा के कार्यकर्ताओं पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया. युवा मुख्यमंत्री ने सभी कुछ जानते हुए भी राज्य हित में इस गलत पुलिस कार्रवाई के दर्द को पी लिया. कुछ लोग साजिश के तहत मुङो और मेरी पार्टी को बदनाम करना चाहते हंै. बाबूलाल मरांडी को इस्तीफा मांगने का अधिकार नहीं है. उन्होंने मुङो विधायक व मंत्री नहीं बनाया है. विपक्ष बहुत कुछ मांग करता है. मैं फिर एक बार कह रहा हूं कि इस घटना में पूरा सहयोग करूंगा. आगे भी जितनी भी मदद की जरूरत पड़ेगी, मैं पुलिस को सहयोग करूंगा.

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