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दारोगा नियुक्ति: जांच में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद भी जीएस रथ पर कार्रवाई नहीं

रांची: दारोगा नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोपों की सरकार ने जांच करायी. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि भी हुई. जांच के बाद तैयार रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकार भी कर लिया. अदालत में भी शपथ पत्र दाखिल कर माना कि गड़बड़ी हुई है. मैरिट के बजाय प्रिफरेंस को आधार मान कर नियुक्ति की गयी. सरकार […]

रांची: दारोगा नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोपों की सरकार ने जांच करायी. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि भी हुई. जांच के बाद तैयार रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकार भी कर लिया. अदालत में भी शपथ पत्र दाखिल कर माना कि गड़बड़ी हुई है. मैरिट के बजाय प्रिफरेंस को आधार मान कर नियुक्ति की गयी.

सरकार ने नये सिरे से मैरिट लिस्ट बनाने का भी आदेश दिया है. लेकिन सरकार इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार पूर्व डीजीपी जीएस रथ के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर चुप है. न तो अदालत में दायर शपथ पत्र में इस बाबत कुछ कहा गया है और न ही पुलिस मुख्यालय को कार्रवाई से संबंधित आदेश मिला है. उल्लेखनीय है कि दारोगा नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के सिलसिले में वर्तमान डीजीपी राजीव कुमार ने पूर्व डीजीपी जीएस रथ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी. गत 20 जुलाई को सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में उन्होंने मेधा सूची के अनुरूप नये सिरे से विज्ञापन प्रकाशित करने और वैसे उम्मीदवारों की नियुक्ति करने की अनुशंसा की थी, जिन्हें पूर्व डीजीपी के अनुचित फैसले के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था. दारोगा, सार्जेट व कंपनी कमांडर की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर में दायर कुल 45 रीट याचिकाओं के मद्देनजर राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार ने मामले की जांच का आदेश दिया था. इस आदेश पर नियुक्ति मामले की जांच करायी. जांच पूरी होने के बाद डीजीपी ने रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी थी. रिपोर्ट में यह कहा गया है कि तत्कालीन डीजीपी जीएस रथ ने मैरिट के बदले प्रिफरेंस के आधार पर रिजल्ट बनाने का एकतरफा निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने कोई लिखित आदेश भी नहीं जारी किया.

इस निर्देश के आलोक में नियुक्ति के लिए मैरिट लिस्ट को दरकिनार करते हुए बनायी गयी सफल उम्मीदवारों की सूची फरवरी 2012 में पुलिस की वेबसाईट पर जारी कर दी गयी. राज्य लोक सेवा आयोग ने भी इस मामले में अपना मंतव्य देते हुए मेरिट के बदले प्रिफरेंस के आधार पर सफल उम्मीदवारों की सूची बनाने को नियमसंगत नहीं माना है. इस सिलसिले में तत्कालीन डीजीपी जीएस रथ ने अपने पक्ष पेश करते हुए जांच कमेटी को यह कहा था कि प्रिफरेंस के आधार पर सूची बनाने का फैसला चयन समिति की बैठक में किया गया था. जांच के दौरान दस्तावेज से उनके दावे की पुष्टि नहीं हो पायी. चयन समिति के सदस्यों ने भी अपने बयान में यह कहा है कि सूची तैयार करने से पहले किसी तरह की बैठक नहीं हुई थी.

डीजीपी राजीव कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि नियुक्ति में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाईकोर्ट में कुल 45 रीट याचिका दाखिल की गयी है. उनमें से 27 रीट याचिकाओं में शपथ पत्र दाखिल कर प्रिफरेंस के आधार पर सफल उम्मीदवारों की घोषणा करने की बात कही गयी थी. शेष 18 मामलों में अभी शपथ पत्र दायर करना बाकी है.

इसलिए बेहतर होगा कि सरकार के स्तर से जिन 27 मामलों में शपथ पत्र दाखिल किया जा चुका है, उनमें भी नये सिरे से शपथ पत्र दायर कर वास्तविक स्थिति की जानकारी दी जाये. राजीव कुमार ने सरकार से विज्ञापन में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप नये सिरे से मेरिट लिस्ट बनाने और नियुक्ति करने की अनुशंसा की है. मेरिट के बदले प्रिफरेंस के आधार पर नियुक्ति के सिलसिले में अपने स्तर से विचार करने की बात कही है.

इधर, इस संबंध में पूर्व डीजीपी से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. एसएमएस का भी जवाब उनकी ओर से नहीं आया.

कुल पद 384 (277 दारोगा, 56 सार्जेट व 51 कंपनी कमांडर)

पहली बार विज्ञापन निकला वर्ष 2008 में

दूसरी बार विज्ञापन निकला वर्ष 2009 में

नियुक्ति शुरु हुई वर्ष 2010 में

शारीरिक जांच में सफल हुए 2010 अभ्यर्थी

इंटरव्यू लिया गया 09.01.2012 से 23.01.2012 तक

इंटरव्यू के लिए बुलाये गये 1219 अभ्यर्थी

रिजल्ट निकला 25.02.2012

कब क्या हुआ

नियुक्ति समिति : अध्यक्ष: तत्कालीन डीजीपी जीएस रथ, सदस्य: तत्कालीन एडीजी मुख्यालय केएस मीणा, तत्कलीन डीआइजी पीटीसी उमेश सिंह व तत्कालीन डीआइजी कार्मिक तदाशा मिश्र.

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