रांचीः राजधानी के लोगों को आलू और प्याज की बढ़ी कीमत से ज्यादा निजात नहीं मिल पा रहा है. थोक मंडी में आलू-प्याज की आवक बढ़ने व कीमत घटने का ज्यादा असर खुदरा मंडी पर नहीं दिख रहा है. थोक मंडी की तुलना में खुदरा बाजार में इनकी कीमतें 40 से 70 प्रतिशत तक अधिक हैं. आलू में रिटेल दुकानदार जहां पांच से सात रुपये, वहीं प्याज में 15 रुपये तक ज्यादा दाम ले रहे हैं.
आवक बढ़ी, दाम स्थिर
राजधानी की थोक मंडी में मंगलवार को 18-19 ट्रक आलू व 7-8 ट्रक प्याज आये. इसे बाद थोक मंडी में नया आलू 15-16 रुपये व पुराना आलू 13-14 रुपये किलो हो गया. प्याज 35 रुपये में बिका.
खुदरा में ज्यादा भाव
खुदरा बाजार में आलू व प्याज की कीमत 40-70 प्रतिशत महंगे बिके. राजधानी की मंडियों में प्याज 50 रुपये किलो तक व आलू 20-22 रुपये तक बिका. कीमतें कम नहीं होने के पीछे खुदरा दुकानदारों को माना जा रहा है. जानकारों के अनुसार, ट्रांसपोर्टेशन व खराब प्याज की छंटाई करने के बाद इसकी कीमत 37 रुपये किलो तक पहुंच जाती है.
इसमें तीन से पांच रुपये तक का मुनाफा रख कर दुकानदारों को बिक्री करनी चाहिए. लेकिन, मोटा मुनाफा कमाने के लिए कीमतें कम नहीं होने दी जा रही है. यही हाल आलू का है. थोक दुकानदारों के अनुसार अब बाजार में पर्याप्त मात्रा में आलू-प्याज उपलब्ध हैं. बढ़ी कीमतों का दौर अब ज्यादा नहीं चल पायेगा.
मुनाफाखोरों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में रांची के एसडीओ अमित कुमार ने कहा कि सब्जियों की दर आपूर्ति व मांग पर निर्भर है. सब्जियों की सरकारी दर निर्धारित नहीं है. जहां तक सब्जियों को स्टॉक किये जाने की बात है, तो यह गंभीर मामला है. अगर ऐसी जानकारी मिलेगी तो वैसे व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.