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पारदर्शी होगी जमीन की खरीद-बिक्री

रांची: केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने वसुधा योजना के तहत शनिवार को प्रोजेक्ट भवनमंत्रालयमें ऑनलाइन कैडेस्टल मैप की लांचिंग की. उन्होंने कहा कि नक्शों के ऑनलाइन होने से भूमि संबंधी दस्तावेज और खातों का विवाद समाप्त हो जायेगा. उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा कि वे राजस्व संबंधी मामलों की जिम्मेवारी समङों. यह प्रयास […]

रांची: केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने वसुधा योजना के तहत शनिवार को प्रोजेक्ट भवनमंत्रालयमें ऑनलाइन कैडेस्टल मैप की लांचिंग की. उन्होंने कहा कि नक्शों के ऑनलाइन होने से भूमि संबंधी दस्तावेज और खातों का विवाद समाप्त हो जायेगा.

उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा कि वे राजस्व संबंधी मामलों की जिम्मेवारी समङों. यह प्रयास किया जाये कि इस व्यवस्था के ऑनलाइन होने से आमलोगों को आसानी से कई चीजें उपलब्ध हो पाये. ऑनलाइन कैडेस्टल मैपिंग से भूमि की खरीद-बिक्री व हस्तांतरण में पारदर्शिता आयेगी. जरूरी दस्तावेजों का उपयोग भी इस नक्शे से हो पायेगा. सरकार की भूमि संबंधी योजनाओं में भी पारदर्शिता आयेगी.

श्री रमेश ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री से तीन बार झारखंड का नक्शा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, पर पेंशन विवाद के कारण नक्शा हस्तांतरित नहीं हो रहा है. उन्होंने राज्य सरकार को नये सिरे से भूमि सर्वेक्षण कराने का आग्रह किया.

झारखंड में विकास की रफ्तार काफी कम : जयराम रमेश

आरएसएस का असली नाम है रयूमर स्प्रेडिंग सोसाइटी
रांची:केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने झारखंड के हालात पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा : राज्य में स्कूल हैं, तो शिक्षक नहीं हैं. अस्पताल हैं, तो डॉक्टर नहीं है. खंभे हैं, तो बिजली नहीं है. झारखंड में विकास की रफ्तार काफी कम है. इसे तेज करने की जरूरत है. राज्य के समग्र विकास के लिए यहां की राजनीति को भी विकास की जरूरत है. सरकार को लोगों में विश्वास पैदा करना होगा. लोगों को मालूम पड़ना चाहिए कि जो काम गुजरे 60 वर्षो में नहीं हुआ, वह हम कर रहे हैं. एटीआइ में पत्रकारों से बात करते हुए श्री रमेश ने कहा कि नक्सल समस्या का कारण सरकार है. सरकारें वादा पूरा नहीं करतीं. लोगों का विश्वास नहीं जीततीं. लोगों तक उनका हक नहीं पहुंचता.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में सुरक्षा बलों को कई जगहों पर नक्सल के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है. अब जरूरत है कि वहां का जल्द से जल्द विकास किया जाये. लोगों में विश्वास पैदा किया जाये. इसी उद्देश्य को लेकर सारंडा, सरयू और झुमरा में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. श्री रमेश ने कहा कि देश के 88 उग्रवाद प्रभावित जिलों में से 17 झारखंड के हैं. बावजूद इसके यहां नक्सलवाद की स्थिति छत्तीसगढ़ से बेहतर है. झारखंड के लातेहार, गढ़वा जैसे जिलों में काफी समस्याएं हैं. वहां बहुत तेजी से विकास की जरूरत है, ताकि समस्याओं का निपटारा हो सके.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा : छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों कांग्रेसियों का मारा जाना पूरी तरह से राजनीतिक साजिश है. उसकी जांच चल रही है. घटना में कांग्रेस के लोगों के हाथ होने की बात पूरी तरह से बेबुनियाद है. छत्तीसगढ़ के कुछ संगठन कांग्रेस को सत्ता में नहीं देखना चाहते हैं. इसी जह से उन्होंने साजिश रची है. उन्होंने आरएसएस पर निशाना लगाते हुए कहा कि आरएसएस का असली नाम रयूमर स्प्रेडिंग सोसाइटी है.

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