रांची: राज्य की 4423 पंचायतों में से 1738 पंचायतों में पंचायत भवन नहीं हैं. यहां पंचायतों के कामकाज के लिए जगह ही नहीं है. अपनी व्यवस्था के तहत किसी निजी या सरकारी भवनों से कामकाज निबटाया जा रहा है. संबंधित अफसरों का कहना है कि इनमें से 150 जगह को छोड़ कर शेष जगह पर […]
रांची: राज्य की 4423 पंचायतों में से 1738 पंचायतों में पंचायत भवन नहीं हैं. यहां पंचायतों के कामकाज के लिए जगह ही नहीं है. अपनी व्यवस्था के तहत किसी निजी या सरकारी भवनों से कामकाज निबटाया जा रहा है. संबंधित अफसरों का कहना है कि इनमें से 150 जगह को छोड़ कर शेष जगह पर काम चल रहा है. जमीन के लिए लगातार प्रयास हो रहा है, पर अब तक नहीं मिली है.
यह स्थिति जमशेदपुर, धनबाद व बोकारो की है. जमशेदपुरकी 27 पंचायतों में जमीन नहीं मिली है, जबकि धनबाद व बोकारो में बीसीसीएल-सीसीएल की जमीन होने की वजह से जमीन नहीं मिली है. इस वजह से यहां योजनाओं का क्रियान्वयन ठप है. सरकारी आंकड़ा के मुताबिक अब तक 2685 पंचायत भवनों का निर्माण हो गया है.
कैसे बन रहा है पंचायत भवन : पंचायत भवन का निर्माण बीआरजीएफ व मनरेगा के पैसे से हो रहा है. दोनों के कन्वर्जेस से यह काम हो रहा है. बीआरजीएफ का करीब 13 लाख व मनरेगा का करीब 12 लाख रुपये इसमें लग रहा है. इस तरह एक पंचायत भवन का निर्माण करीब 25 लाख रुपये की लागत से हो रहा है.
क्या होगा इसमें : पंचायत भवन में मुखिया से लेकर सारे पंचायत प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था होगी. कहीं-कहीं तो इसमें प्रज्ञा केंद्र भी चल रहा है. यहीं पर पंचायत सचिवालय चलाने का निर्देश है.