।।53 लाख चंदे का ब्योरा नहीं दिया।।
रांचीः झारखंड मुक्ति मोरचा की ओर से चंदे के रूप में मिले 53 लाख रुपये का विस्तृत ब्योरा नहीं देने पर आयकर विभाग ने 23.31 लाख रुपये टैक्स चुकाने का नोटिस जारी किया है. हालांकि विभाग द्वारा आयकर अधिनियम 1961 की धारा 156 के तहत डिमांड नोटिस भेजे जाने के बाद पार्टी ने चालान संख्या 00169 के माध्यम से आयकर के खाते में 6.5 लाख रुपये का भुगतान किया है. पार्टी की अपील को देखते हुए फिलहाल दंड तय करने की कार्रवाई रोक दी गयी है.
छूट का लाभ नहीं मिला
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, झामुमो द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए दाखिल आयकर रिटर्न में चंदे का अधूरा ब्योरा दिया गया था. कहा गया था कि असेसमेंट इयर 2010-11 में उसे कुल 66 लाख रुपये की आमदनी हुई. पार्टी को यह राशि विभिन्न कंपनियों व लोगों की ओर से दिये गये चंदे के रूप में मिली है. पार्टी ने कुछ कंपनियों से मिले 13 लाख रुपये का विस्तृत ब्योरा पेश किया था. पर, इसमें चंदे के रूप में मिले 53 लाख रुपये का ब्योरा नहीं था. दानदाताओं के नाम आदि का भी उल्लेख नहीं किया था. इस वजह से राजनीतिक दलों को मिलनेवाली आयकर से पूरी छूट का लाभ झामुमो को नहीं मिला और उस पर टैक्स लगाया गया.
करमुक्त है दलों की आय
मालूम हो कि आयकर अधिनियम की धारा 13(ए) के तहत राजनीतिक दलों को चंदा, प्रतिभूतियों के मिलनेवाली सूद और संपत्ति से होनेवाली आमदनी पूरी तरह करमुक्त है.
छूट का लाभ लेने के लिए राजनीतिक दलों को भारतीय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29(ए) के तहत निबंधित होना जरूरी है. राजनीतिक दलों को चंदा देनेवाली कंपनियों को भी आयकर में धारा 80जीजीसी के तहत छूट मिलती है. साथ ही इस रकम पर कंपनी को आयकर और एजुकेशन सेस का भुगतान नहीं करना पड़ता है. हालांकि राजनीतिक दलों को अपनी आमदनी के स्नेतों का विस्तृत ब्योरा नहीं देने की स्थिति में आयकर विभाग द्वारा उसे सामान्य आमदनी मान कर इनकम टैक्स और एजुकेशन सेस लगाने का प्रावधान है. राज्य के आयकर अधिकारियों ने इसी प्रावधान के तहत झामुमो को चंदे के रूप में मिले 53 लाख रुपये को सामान्य आमदनी मानते हुए इस पर टैक्स और एजुकेशन सेस की रकम तय की है.
(शकील अख्तर)