रांची: हाइकोर्ट ने मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सिवेरज-ड्रेनेज निर्माण मामले में विलंब होने पर नाराजगी जतायी. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि रांची शहर में सिवरेज-ड्रेनेज का निर्माण जरूरी है, यह जनहित से जुड़ा मामला है. राज्य सरकार की ओर से विलंब होने के बावजूद योजना के लिए केंद्र सरकार पैसा देगी या नहीं.
पैसा मिलने पर कोर्ट योजना को स्पीड अप करायेगा. सात अगस्त तक केंद्र सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी.
खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने सिवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर बनाते-बनाते आठ साल बीता दिया. जब केंद्र को डीपीआर भेजा, तो योजना ही समाप्त हो गयी. अधिकारियों की लापरवाही के कारण राज्य 80 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान से वंचित हो गया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार व केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता मो मोख्तार खान ने पैरवी की.
गौरतलब है कि प्रार्थी ललन कुमार शर्मा ने हरमू नदी की साफ-सफाई व अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अवमानना याचिका दायर की है. वहीं अरविंदर सिंह देओल ने जनहित याचिका दायर कर सिवरेज-ड्रेनेज का मामला उठाया है.