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एंथ्रेक्स: सिमडेगा में दो और की मौत, शव लेकर भटकते रहे परिजन, मिली दुत्कार

सिमडेगा: सदर अस्पताल में एंथ्रेक्स से दो और लोगों की मौत हो गयी. हालांकि अस्पताल के डीएस डॉ विनोद उरांव का कहना है कि उक्त दोनों की मौत मलेरिया से हुई है. दोनो रोगियों की मौत के बाद सदर अस्पताल प्रशासन ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया. इस दौरान शहर में यह चर्चा […]

सिमडेगा: सदर अस्पताल में एंथ्रेक्स से दो और लोगों की मौत हो गयी. हालांकि अस्पताल के डीएस डॉ विनोद उरांव का कहना है कि उक्त दोनों की मौत मलेरिया से हुई है. दोनो रोगियों की मौत के बाद सदर अस्पताल प्रशासन ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया. इस दौरान शहर में यह चर्चा आम हो गयी थी कि उक्त लोगों की मौत एंथ्रेक्स से हुई है. परिजन शव को लेकर इधर-उधर भटकते रहे. वह शव लेकर जिधर भी जाते लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था. लोग उन्हें अपने क्षेत्र से दूर भेजना चाहते थे.

परिजन सबसे पहले शवों को लेकर शहरी क्षेत्र के खैरनटोली स्थित पेट्रोल पंप के निकट पहुंचे. यहां पर लोगों द्वारा काफी विरोध किया गया. इसके बाद उक्त लोग ठेठइटांगर गये. वहां से भी उन्हें खदेड़ा गया. फिर वे जोराम पहुंचे. वहां से भी कहीं अन्यत्र जाने के लिये बाध्य कर दिया गया. विवश हो कर परिजन शवों को लेकर कहीं और चले गये.

जानकारी के मुताबिक यहां दवा बेचने का काम करनेवाले कई दल बाहर से आते हैं. ऐसे ही एक दल में शामिल कुछ लोग अपने वाहन से हरिद्वार से चल कर टाटा, मनोहरपुर, बानो होते हुए सिमडेगा पहुंचे थे. उन लोगों ने गंभीर रूप से बीमार बिंदिया, अजमनी व कविता सिंह (तीनों महिला) को सदर अस्पताल में बुधवार को लगभग साढ़े ग्यारह बजे भरती कराया. अपराह्न् लगभग चार बजे बिंदिया व अजमनी की मौत इलाज के क्रम में हो गयी. वे लोग एंथ्रेक्स से प्रभावित गांव बानो के कुरूचडेगा होते हुए आये थे. इसलिए आशंका व्यक्त की जा रही है कि उनकी मौत एंथ्रेक्स बीमारी से ही हुई. दवा बेचनेवालों के दल में शामिल कई अन्य लोग भी बीमार हैं. दल में शामिल लोग कैसे बीमार हुए, यह जांच का विषय है.

मलेरिया से हुई मौत : डीएस

सदर अस्पताल के डीएस डॉ विनोद उरांव का कहना है कि बिंदिया व अजमनी की मौत मलेरिया से हुई. उन्होंने बताया कि काफी गंभीर स्थिति में दोनों को सदर अस्पताल लाया गया था. उन्होंने यह भी बताया कि उनका इलाज पूर्व में मेरी वंदना अस्पताल में किया जा जा रहा था. किंतु वहां ठीक नहीं होने पर उसके परिजनों से सदर अस्पताल में भरती कराया था. अस्पताल में भरती एक अन्य साथी को भी वे लोग अपने साथ ले गये.

एंथ्रेक्स के थे लक्षण : डॉ अनिल

रोगियों के इलाज करनेवाले सदर अस्पताल के डॉ अनिल का कहना है कि दोनों रोगियों में एंथ्रेक्स के लक्षण पाये गये थे. उन्होंने बताया कि मरीज एंथ्रेक्स प्रभावित क्षेत्र से होकर आये थे. इसलिए एंथ्रेक्स की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि एंथ्रेक्स रोगियों में जो समस्याएं पायी जाती हैं, वह समस्या उन लोगों में भी थी.

अफवाहों पर ध्यान न दें: डीसी

उपायुक्त दीप्रवा लकड़ा एवं सिविल सजर्न डॉ एडीएन प्रसाद ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि एंथ्रेक्स बीमारी को पूर्णत: नियंत्रित कर लिया गया है. लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं दें. उपायुक्त व सीएस ने यह भी कहा है कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में साधारणत: नहीं फैलता. यह छूत की बीमारी नहीं है. कुरूचडेगा टोंगरीटोली गांव में इलाज शुरू होने के बाद कोई नया मरीज अब तक नहीं आया है. कुरूचडेगा सहित आसपास के सभी गांव में मवेशियों का टीकाकरण किया जा रहा है.

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