रांची: कांग्रेस-झामुमो गंठबंधन में अभी किचकिच बाकी है. कांग्रेस संताल परगना की आठ सीटों पर दावा ठोकेगी. कांग्रेस संताल परगना में झामुमो को वाक-ओवर देने के मूड में नहीं है. कांग्रेस का मानना है कि कई सीटों पर उसकी स्थिति मजबूत है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को संताल परगना के अलग-अलग जिलों से कार्यकर्ताओं-नेताओं ने […]
रांची: कांग्रेस-झामुमो गंठबंधन में अभी किचकिच बाकी है. कांग्रेस संताल परगना की आठ सीटों पर दावा ठोकेगी. कांग्रेस संताल परगना में झामुमो को वाक-ओवर देने के मूड में नहीं है.
कांग्रेस का मानना है कि कई सीटों पर उसकी स्थिति मजबूत है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को संताल परगना के अलग-अलग जिलों से कार्यकर्ताओं-नेताओं ने सांगठनिक स्थिति का फीड बैक दिया है. पिछले दिनों प्रदेश अध्यक्ष श्री भगत ने संताल परगना का दौरा कर जमीन भी टटोली. पूरे संताल परगना में कई कार्यक्रम किये. कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों के साथ बैठ कर नब्ज टटोला.
पाकुड़ और जामताड़ा की रैली से प्रदेश अध्यक्ष गद-गद हैं. पाकुड़ में उम्मीद से ज्यादा भीड़ हुई. वहीं जामताड़ा में पार्टी का दमखम दिखा. प्रदेश अध्यक्ष ने गोड्डा में वर्किग कमेटी की बैठक की. यहां चुनाव में अकेले चलने पर नेताओं का जोर था. साहेबगंज और दुमका में कार्यकर्ता सम्मेलन किया. प्रदेश अध्यक्ष संताल परगना की पूरी रिपोर्ट आला कमान को देंगे. संगठन की स्थिति बतायेंगे. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार आला कमान को बताया जायेगा कि ये सीटें हम झामुमो की झोली में डाल देंगे, तो फायदा भाजपा को होगा. आला कमान के पास पहले दावेदारी होगी. इसके बाद बातचीत में झामुमो पर दबाव बनाया जायेगा.
कौन-कौन सीट पर होगी दावेदारी
पाकुड़, जामताड़ा, राजमहल, सारठ, मधुपुर, महेशपुर, जरमुंडी, नाला
सीटिंग सीट : महगामा
संताल के नेताओं का भी है दबाव
संताल परगना की राजनीति में सरगरमी है. संताल परगना के फुरकान अंसारी, आलमगीर आलम जैसे नेताओं का दबाव है. वहीं राजमहल, सारठ, मधुपुर, नाला में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अकेले चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाया है. कांग्रेस के अभियान के बाद झामुमो खेमा की भी बेचैनी बढ़ी है. झामुमो के नेताओं ने भी संताल परगना में अभियान शुरू कर दिया है.