33.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कई मुखिया-प्रमुख भी दे रहे संगठन का साथ: जेठा कच्छप

रांची: पीएलएफआइ के उग्रवादियों को खूंटी में सरकारी स्कूल बंद कराने में कई मुखियाओं ने सहयोग किया था. कर्रा क्षेत्र में सरकारी स्कूल को बंद कराने में उग्रवादियों का साथ कर्रा पंचायत की प्रमुख मंजुला उरांव, कर्रा क्षेत्र की मुखिया और गुनगुनिया ग्राम के सुनील केरकेट्टा ने सहयोग किया था. इस बात का खुलासा पीएलएफआइ […]

रांची: पीएलएफआइ के उग्रवादियों को खूंटी में सरकारी स्कूल बंद कराने में कई मुखियाओं ने सहयोग किया था. कर्रा क्षेत्र में सरकारी स्कूल को बंद कराने में उग्रवादियों का साथ कर्रा पंचायत की प्रमुख मंजुला उरांव, कर्रा क्षेत्र की मुखिया और गुनगुनिया ग्राम के सुनील केरकेट्टा ने सहयोग किया था. इस बात का खुलासा पीएलएफआइ के उग्रवादी जेठा कच्छप ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में किया है.

उसके बयान की तुपुदाना पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की है. जेठा ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस को यह भी बताया है कि पीएलएफआइ के उग्रवादी संगठन को मजबूत बनाने के लिए संगठन से जुड़े सदस्यों को चुनाव में खड़ा भी कराते हैं, जिसमें कई उम्मीदवार जीत चुके हैं. इनमें कर्रा थाना क्षेत्र की मंजुला उरांव, लोधमा की प्रमुख हैं. इसके अलावा गोविंदपुर के मुखिया, फागु, झोड़ा पाहन, बंधन पाहन, बकसपुर के मुखिया और छाता के मुखिया भी पीएलएफआइ के सहयोगी हैं. पुलिस इस बयान की जांच कर रही है.

ज्ञात हो कि 26 जून को पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जीदन गुड़िया ने स्कूल बंद कराने का फरमान जारी किया था. उसने कहा था कि जब तक सरकारी और गैर सरकारी स्कलों से सीआरपीएफ के जवानों को नहीं हटा लिया जाता है, तब तक सभी स्कूलों का बंद रखा जायेगा. इसके बाद दो जुलाई को जीदन गुड़िया ने कहा कि सभी स्कूलों को बंद करने का फरमान वापस ले लिया गया है. सिर्फ वैसे स्कूल बंद रहेंगे, जहां सीआरपीएफ के जवानों को ठहराया जाता है.

स्कूल बंद होने से 40 हजार बच्चे हुए थे प्रभावित
खूंटी जिले में स्कूल बंद करने के कारण प्राइमरी और मध्य विद्यालय के करीब 40 हजार विद्यार्थी प्रभावित हुए थे. बंद का सबसे ज्यादा प्रभाव कर्रा क्षेत्र के 201 सरकारी स्कूलों पर पड़ा था. विद्यार्थियों के पठन- पाठन का काम बाधित हो गया था. वहीं बच्चों मिड-डे मील भी नहीं मिल पाता था. शिक्षक भी डर से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे थे. इस मामले को गंभीरता से लिया गया था. इसके बाद गत तीन जुलाई को मुख्य सचिव और डीजीपी ने खूंटी का दौरा किया था. सीएस ने पीएलएफआइ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था. उसके बाद स्थिति सामान्य हुई थी.

जेएमएम का एक नेता भी करता है सहयोग
जेठा कच्छप को सहयोग करने मुखिया और नेता सहित कुल 24 लोग शामिल हैं, जिनका काम जेठा तक पुलिस की गतिविधियों के संबंध में सूचनाएं देना था. इनमें जेएमएम का नेता फिरोज खान भी है. इस संबंध में जेठा ने पुलिस को जानकारी दी है. इस बाबत पूछे जाने पर फिरोज खान ने बताया वह जेठा के संपर्क में था. वह जेठा को सामाजिक कार्य करने में मदद करता था. सरकारी अधिकारी जेठा के डर से गांव नहीं जाते थे, इसलिए वह अधिकारियों को गांव में ले जाने से पहले जेठा से फोन पर बात करता था. इसके बाद वह अधिकारियों को गांव लेकर जाता था, ताकि उन्हें जेठा से कोई खतरा नहीं हो.

ये करते थे सहयोग
फिरोज खान (नेता जेएमएम) होरा सिंह (इटकी), राजू सिंह, प्रमुख मंजुला उरांव, फागू हेरेंज, मुखिया जटा पाहन, चुनसुकी के मुखिया बंधना उरांव, गंगा मुखिया गोविंदपुर, मुंगरा मुंडा, कादिर मियां, अशरफ सिंह, विकास, संजय सिंह, मो अनवर, मुख्तार खान, साकेत, सुनील साहू, कृष्णा राम, मुकेश राम, महादेव मुंडा, रसीद और मुकेश

मेरी मुलाकात जेठा कच्छप से कभी नहीं हुई. वह मुङो क्यों फंसा रहा है, यह जांच का विषय है. पहले भी पुलिस मुङो जेल भेज चुकी है, जबकि मेरा राजकमल गोप से कोई लेनादेना नहीं था.

मंजुला उरांव, कर्रा पंचायत प्रमुख

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें