रांची/ हटिया: रांची पुलिस की टीम ने दो लाख रुपये के इनामी हार्डकोर उग्रवादी जेठा कच्छप को गिरफ्तार कर लिया है. जेठा उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) का जोनल कमांडर है. उसकी गिरफ्तारी तुपुदाना थाना क्षेत्र के चोटंगा के पास सोमवार तड़के तीन बजे हुई. पुलिस ने उसके पास से एके-47, .09 एमएम की गोलियां, पिट्ठ और एके-47 की 100 गोलियां जब्त की हैं. पुलिस ने जेठा के साथ उसके भाई पौलूस कच्छप और एक अन्य सहयोगी को भी पकड़ा है.
पुलिस को मिली थी सूचना : पुलिस को सूचना मिली थी कि जेठा कच्छप अपने सहयोगियों के साथ तुपुदान थाना क्षेत्र के चोटंगा स्थित ईंट-भट्ठा में रुका हुआ है. सूचना मिलने के बाद ग्रामीण एसपी सुरेंद्र कुमार झा, एएसपी ऑपरेशन हर्षपाल सिंह और तुपुदाना ओपी के प्रभारी मनोज कुमार पुलिस बल के साथ चोटंगा पहुंचे. पुलिस को देखते ही जेठा कच्छप और उसके सहयोगियों ने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गयी. पुलिस को भारी पड़ता देख उग्रवादी भागने लगे. पर पुलिस ने जेठा कच्छप, उसके भाई पौलूस कच्छप और एक अन्य सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया.
15 से अधिक लोगों की हत्या कर चुका है जेठा
जेठा कच्छप कर्रा और खूंटी इलाके में आतंक का पर्याय बन गया था. वह 2010 में उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ से जुड़ा था. इसके बाद उसने कर्रा व खूंटी इलाके में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया. खूंटी, कर्रा व तोरपा थाने में उसके खिलाफ 39 मामले दर्ज हैं. 28 मामले सिर्फ कर्रा थाने में दर्ज हैं, इनमें 15 हत्या के हैं.
ऑपरेशन कारो के बाद आया था तुपुदाना
खूंटी में पुलिस का ऑपरेशन कारो शुरू होने के बाद पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने जिला छोड़ दिया था. जेठा कच्छप तुपुदाना क्षेत्र में आ गया था. दो सप्ताह पहले पुलिस ने जेठा के चार सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. उसके तुपुदाना क्षेत्र में आने के बाद इस इलाके में पीएलएफआइ की सक्रियता बढ़ गयी थी. व्यवसायियों को लगातार धमकी दी जा रही थी.
शहर को ठिकाना बना रहे हैं उग्रवादी-नक्सली
नक्सली व उग्रवादी रांची और आसपास के इलाकों को ठिकाना बना रहे हैं. जंगल में जब भी पुलिस का अभियान शुरू होता है, तब नक्सली शहर आ जाते हैं और पुलिस पर निगाह रखते हैं. तुपुदाना से जेठा कच्छप की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर यह बात सही साबित हुआ. इससे पहले भी कई नक्सली-उग्रवादी रांची से पकड़े जा चुके हैं.
पीएलएफआइ के जोनल कमांडर मसी मसीहचरण पूर्ति को पुलिस ने जगन्नाथपुर इलाके से गिरफ्तार किया था. शहर में रहने के साथ-साथ उग्रवादी संगठन के लोग आपराधिक वारदातों को भी अंजाम दे रहे हैं. पीएलएफआइ ने तीन साल पहले बंद के दिन रांची में बस को फूंका था. वर्ष 2013 में संगठन के उग्रवादियों ने चुटिया थाने के सामने चाय पी रहे वीरेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. चुटिया में उग्रवादी पोस्टरबाजी कर चुके हैं. गत 13 जुलाई को पुलिस ने पीएलएफआइ के संतोष उर्फ बिरजू की पत्नी डॉली को पंडरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. डॉली व उसका पति पहले भाकपा माओवादी संगठन में थे. बाद में पीएलएफआइ में आ गये थे.
शहर से पकड़े जा चुके हैं ये उग्रवादी
आदित्य गोप, राजकमल गोप, मंटू कच्छप, जीवन कच्छप, जेठू साहू, प्रदीप महतो,
किशोर महतो और आलोक यादव
संगठन में शामिल होते ही खूंटी और कर्रा में मचा रखा था आतंक, जेठा के नाम से दहशत में था इलाका
रांची/खूंटी: कर्रा थाना क्षेत्र में रहनेवाला जेठा कच्छप वर्ष 2010 में पीएलएफआइ संगठन में शामिल हुआ था. संगठन में आने के बाद वह लगातार सुर्खियों में रहा. छोटी-छोटी बातों पर लोगों की हत्या कर देना उसके लिए आम बात थी. यही कारण था कि कम समय में ही कर्रा क्षेत्र में उसके नाम का आतंक कायम हो गया था. हालांकि वह कर्रा में कम ही रहता था. वह हमेशा पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप के साथ रहता था, लेकिन उसकी बात नहीं मानने या लेवी देने में आनाकानी करनेवालों से निपटने वह जरूर कर्रा आता था. वह मोबाइल से ही लेवी वसूली का काम करता था. खूंटी जिला के विभिन्न थानों में जेठा के खिलाफ जो 39 मामले दर्ज हैं, उसमें से 28 मामले कर्रा थाना क्षेत्र के ही हैं. इन 28 में से 15 मामले हत्या के हैं. शेष मामले रंगदारी और मारपीट के.
जेठा हमेशा एके-47 लेकर चलता था. हालांकि वह अपने पास नाइन एमएम की पिस्टल भी रखता था. गत सात जुलाई से पुलिस ने पीएलएफआइ के उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन कारो शुरू किया था, जिसके बाद संगठन के सभी उग्रवादी खूंटी छोड़ कर भाग निकले थे. जेठा की गिरफ्तारी ऑपरेशन कारो की आठवीं सफलता है.
कर्रा के डुमरगड़ी गांव का है जेठा
कर्रा क्षेत्र के एरिया कमांडर जेठा कच्छप कर्रा थाना क्षेत्र के डुमरगड़ी का रहनेवाला है. उसने अब तक कम से कम 39 वारदातों को अंजाम दिया. इनमें 28 घटनाएं कर्रा थाना क्षेत्र की है. 28 में से 15 घटनाओं में उसने हत्या जैसे संगीन अपराध किये हैं. कर्रा इलाके के लोग जेठा के नाम से कांपते थे. संगठन में उसकी पहचान खूंखार उग्रवादी के रूप में थी. लेवी वसूली को लेकर जिला के व्यवसायी उससे त्रस्त थे. हाल के दिनों में उसने बेड़ो, इटकी और नगड़ी इलाके में भी आतंक मचा रखा था. उसने कई लोगों से फोन कर लेवी की मांग की थी. कुछ दिन पहले ही पुलिस से इटकी में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें वह भाग निकला था.