सुरजीत सिंह
रांची : भाकपा माओवादी और जेपीसी (झारखंड प्रस्तुति कमेटी) ने एक-दूसरे से हाथ मिला लिया है. दोनों संगठनों ने चतरा और हजारीबाग में साथ मिल कर काम करने का फैसला लिया है. हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं की गयी है.
सूत्रों की मानें, तो भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर सोहन भुइयां और जेपीसी के सुप्रीमो गुड्ड ने फैसला लिया है कि बड़ा धमाका कर जेपीसी का भाकपा माओवादी में विलय की घोषणा की जायेगी. उल्लेखनीय है कि टीपीसी के गठन के बाद चतरा और हजारीबाग से भाकपा माओवादी का वर्चस्व समाप्त हो चुका है.
टीपीसी के उग्रवादी कई माओवादियों की हत्या कर चुके हैं. जेपीसी भी चतरा जिला में कुछ नहीं कर पा रहा है. यही वजह है कि दोनों संगठनों ने टीपीसी के सफाये के लिए साथ मिलने का फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक दोनों संगठनों के बीच तय हुआ है कि जेपीसी का जिन इलाकों में वर्चस्व है, विलय के बाद भी उस इलाके में उसी के लोग काम करेंगे. लेवी वसूली से लेकर हर तरह का काम जेपीसी उग्रवादियों के जिम्मे ही रहेगा.
चतरा में टीपीसी का, जबकि हजारीबाग में जेपीसी का वर्चस्व है. दोनों संगठनों का इस्तेमाल पुलिस भी करती है. जेपीसी के गुड्ड का मधुर संबंध एक डीएसपी से भी है. भाकपा माओवादी का सोहन भुइयां और अरविंद मुखिया अपने दस्ते के साथ समय-समय पर चतरा के कुछ इलाकों में जाता रहता है.