मनोहरपुर: मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा अंतर्गत गंगदा पंचायत के टिमरा गांव रीयायबुरु निवासी डुबराय चेरोवा की पांच वर्षीय पुत्री चारीबा चेरोवा पीठ के टय़ूमर से परेशान है. इसे छूने से असहनीय दर्द होता है. इससे यह बच्ची ना तो पैदल चल सकती है,और ना ही बिस्तर पर लेट पाती है. चारीबा की मां बालमा चेरोवा बताती है कि जन्म के एक वर्ष बाद ही उसकी पीठ में टय़ूमर निकलना शुरू हुआ.
उम्र बढ़ने के साथ ही टय़ूमर भी बढ़ रहा है. इस क्षेत्र में ऐसी बीमारी की यह पहली घटना है. गरीबी के कारण बेटी को अस्पताल में दाखिल नहीं करा पायीं. इनका परिवार जंगल से लकड़ियां चुनकर अपना भरण पोषण करता है. इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाने की वजह से चारीबा असहनीय दर्द ङोलने के लिए मजबूर है. चारीबा के परिवार की स्थिति और उसकी बीमारी के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधि व पंचायत प्रतिनिधियों को भी जानकारी है लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली.
इस इलाके में संचालित औद्योगिक इकाइयों से भी चारीबा को कोई मदद नहीं मिली. बालमा ने बताया कि पंचायत के प्रतिनिधियों में मुखिया से लेकर वार्ड सदस्य सभी को मेरी बेटी की तकलीफ के बारे में पता है. इसके बावजूद किसी ने हमारी बेटी की मदद नहीं की. आये दिन सारंडा में हेल्थ कैंप लगाये जाते हैं, लेकिन मेरी बेटी के इलाज के प्रति किसी ने पहल नहीं की.