प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर से होती है पत्थर ढुलाई
चैनपुर (पलामू) : बंदुआ और बुढीबीर के बीच जो पहाड़ी है, वह सुरक्षित वन क्षेत्र में आता है. इस इलाके में उग्रवाद का भी प्रभाव नहीं है. यदि विभाग को सूचना मिले कि ट्रैक्टर लगा है, तो यहां रात को 10 बजे जाने में भी कोई खतरा नहीं है. लेकिन इसके बाद भी वन क्षेत्र में पत्थर तोड़े जा रहे हैं. पहाड़ पर जाने के बाद स्थिति स्पष्ट दिखती है. ट्रैक्टर का रास्ता बना है, टायर के निशान हैं.
आसपास रहने वाले ग्रामीण कहते हैं कि प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर इस क्षेत्र से पत्थर की ढुलाई करते हैं. एक सप्ताह पहले तक इस पहाड़ पर 100 ट्रैक्टर पत्थर थे, जो अब समाप्ति के कागार पर है. लोगों का कहा मानें, तो अब जब स्टॉक समाप्त हो जायेगा, तो फिर से पत्थर की तुड़ाई होगी. जब इसकी खबर वरीय अधिकारियों तक पहुंचेगी, तो विभाग सक्रियता दिखायेगा, उसके बाद जब मामला शांत होगा. धंधा फिर चालू हो जाता है. बंदुआ और बुढीबीर के बीच की पहाड़ी पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है.
लेकिन लोगों का कहना है कि जिस तरह पत्थर तोडे जा रहे हैं, उससे यह लग रहा है कि इसका अस्तित्व संकट में है. हाल यही रहा तो आज पत्थर तोडे जा रहे हैं, कल से वन काटे जायेंगे.
ग्रामीणों की करेंगे बैठक : मुखिया : बंदुआ के मुखिया विनोद बैठा ने कहा कि ग्रामीणों के साथ मिल कर उनलोगों ने जंगल को बचाया है. अब विभाग निष्क्रिय है, तो क्या कहें. फिर वे लोग सक्रिय होंगे,जंगल को बचाने के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक करेंगे. यह सही है कि पहाड़ का अस्तित्व संकट में आ गया है. इसे बचाने के लिए सामूहिक पहल करने की जरूरत है.