वहीं अजीत होरो (रामाटोली), पंचम उरांव (अकमरोमा) के शव की पहचान होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया था. जिन्होंने उनका अंतिम संस्कार कर दिया. उग्रवादियों के मारे जाने से क्षेत्र के लोगों को आतंक से मुक्ति मिली है. इस वारदात में पीएलएफआइ का एरिया कमांडर मैना गोप भी मारा गया था.
खूंटी में मारे गये चौथे उग्रवादी की हुई पहचान
लापुंग. 31 अक्तूबर की रात खूंटी जिले के लापुंग व कर्रा थाना के बॉर्डर पर कारो नदी पुल के समीप मारे गये पीएलएफआइ के चौथे उग्रवादी की पहचान हो गयी है. इसकी पहचान बिरसा मुंडा (पिता सैनका मुंडा, डाड़ी पहान टोली) के रूप में की गयी है. परिजन उसका शव गुरुवार को खूंटी पोस्टमार्टम हाउस […]
लापुंग. 31 अक्तूबर की रात खूंटी जिले के लापुंग व कर्रा थाना के बॉर्डर पर कारो नदी पुल के समीप मारे गये पीएलएफआइ के चौथे उग्रवादी की पहचान हो गयी है. इसकी पहचान बिरसा मुंडा (पिता सैनका मुंडा, डाड़ी पहान टोली) के रूप में की गयी है. परिजन उसका शव गुरुवार को खूंटी पोस्टमार्टम हाउस से घर ले गये व अंतिम संस्कार किया.
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