रांची : हरमू हाउसिंग कॉलोनी के मकान नंबर एलएस- 100 निवासी व्यवसायी अशोक शर्मा और उनकी पत्नी यशोदा (वृद्ध दंपती) ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली. रिश्तेदारों से संपत्ति को लेकर इनका विवाद चल रहा था. इसको लेकर दोनों को प्रताड़ित किया जाता था. घटना की जानकारी रविवार की सुबह पुत्र पवन शर्मा ने पुलिस को दी.
घटना की सूचना मिलते ही हटिया डीएसपी विकास पांडेय और अरगोड़ा थाना प्रभारी रतिभान सिंह मौके पर पहुंचे. जांच के क्रम में पवन शर्मा ने कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद कर पुलिस को दिया. सुसाइड नोट में 22 सितंबर की तिथि अंकित है. पुलिस ने पुत्र पवन शर्मा की शिकायत पर संपत्ति बंटवारे के विवाद में रिश्तेदारों के खिलाफ वृद्ध दंपती को आत्महत्या के लिए दबाव बनाने का केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है.
जांच के लिए पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया. एफएसएल की टीम ने जांच के लिए कमरे से कई सामान जब्त किये हैं.पुलिस के अनुसार, दोनों के मुंह के झाग निकल रहा था. इससे स्पष्ट होता है दोनों की मौत जहर खाने से हुई है. दोनों की मौत कब हुई, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. दोनों घर में अकेले रहते थे. अरगोड़ा थाना प्रभारी ने बताया कि अशोक शर्मा का विवाद संपत्ति बंटवारे को लेकर अपने भाई से कुछ वर्ष से चल रहा था. अशोक शर्मा एक स्कूल में बस चलवाने का काम भी करते थे. पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि अशोक शर्मा ने बस निकलवाने के लिए बैंक से काफी कर्ज ले रखा था. वे कर्ज के दबाव में भी थे. संपत्ति विवाद में जहर देकर दोनों को मारा तो नहीं गया, इस बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है. पवन ने पुलिस को बताया कि वह अपने परिवार के साथ इमली चौक के समीप रहते हैं.
घटना की सूचना उन्हें अपने रिश्तेदार से मिली. घर के अंदर जाने पर उन्होंने पाया कि मां का शव बाथरूम में और पिता का शव बरामदे में पड़ा है. पवन शर्मा ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उनके रिश्तेदारों ने अशोक शर्मा के साथ मारपीट भी की थी.
क्या लिखा है सुसाइड नोट में
मैं अशोक कुमार शर्मा व मेरी पत्नी यशोदा देवी को अरुण कुमार शर्मा, मंजू देवी, विजय कुमार शर्मा, विजय की पत्नी ममता देवी और इनके रिश्तेदार ब्राइन, रेमंड व अनिल शर्मा संपत्ति को लेकर प्रताड़ित कर जान लेना चाह रहे हैं. मेरी मृत्यु का कारण संपत्ति है. कानून से मेरी प्रार्थना है कि मेरी मौत के बाद इन सभी को सजा मिले. मुझे प्रताड़ित करने वाले कुछ लोगों ने मेरे पुत्र को हिपनोटाइज (वशीभूत) कर दिया है. वे चाहते हैं कि किसी तरह अशोक शर्मा और उनकी पत्नी मर जाये. व्यापार के अलावा मेरे पास जमीन और पैसा भी है. इसलिए सभी मेरी मौत के बाद मेरी संपत्ति हड़प लेना चाहते हैं. कुछ दिन पूर्व जब मैं ऑर्किड अस्पताल में भर्ती था, तब भी मेरे कुछ रिश्तेदार वहां आये थे और मेरा हस्ताक्षर एक पेपर में लेकर चले गये थे. पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में हस्ताक्षर व लिखावट अशोक शर्मा का ही है या किसी और का. इसकी भी जांच फिंगर एक्सपर्ट से करायी जायेगी. कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने दोनों की मौत के बाद सुसाइड नोट लिख दिया हो.