प्राथमिकी में जमीन विवाद का काम मैनेज करने के नाम पर अपराधियों द्वारा प्रति कट्ठा 50 हजार की रंगदारी मांगने का आरोप है. एडीजी की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख था कि जमीन हड़पने में शैलेश सिंह की तरफ से संदीप थापा पलामू जेल में बंद रहते हुए अपने साथी सन्नी मल्लिक, आनंद, सन्नी सिंह और बिट्टू सिंह के साथ सक्रिय है.
जेल में बंद रहते हुए राजीव रंजन भी अपने सहयोगी मोनू सिंह के साथ सक्रिय है. संदीप थापा बहुत जल्द जेल से छूटने के कगार पर है. एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता ने संबंधित रिपोर्ट तैयार कर 20 जून को डीजीपी के पास भेज कर मामले में जांच की अनुशंसा की थी. रिपोर्ट में जमीन हड़पने के खेल में सफेदपोश, प्रशासनिक और पुलिस के लोगों के शामिल होने की सूचना एडीजी ने दी थी. एडीजी स्पेशल ब्रांच की अनुशंसा पर पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर मामले की जांच के लिए एसएसपी ने टीम का गठन किया था.
मामले में ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि जांच पूरा करने की जिम्मेवारी डीएसपी मुख्यालय अमित कुमार को सौंपी गयी थी, लेकिन अभी तक मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर मुझे नहीं सौंपी गयी है. इधर, शैलेश सिंह द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के संबंध में ग्रामीण एसपी का कहना है कि उसे रंगदारी के लिए अपराधियों ने फोन किया था. उसकी शिकायत पर कांके थाना की पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया है.