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शिव सरोज आत्महत्या कांड: चुटिया और कोतवाली थाने में दर्ज केस सीआइडी को ट्रांसफर

रांची: धनबाद के भूली निवासी शिव सरोज कुमार के अपहरण व आत्महत्या से संबंधित केस सोमवार को विधिवत रूप से सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया. चुटिया थाना में अपहरण को लेकर और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने को लेकर कोतवाली थाना में केस दर्ज हुआ था. सीआइडी ने विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान शुरू कर […]

रांची: धनबाद के भूली निवासी शिव सरोज कुमार के अपहरण व आत्महत्या से संबंधित केस सोमवार को विधिवत रूप से सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया. चुटिया थाना में अपहरण को लेकर और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने को लेकर कोतवाली थाना में केस दर्ज हुआ था. सीआइडी ने विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान शुरू कर दिया है. यह जानकारी सोमवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सह वरीय पुलिस प्रवक्ता आरके मल्लिक ने दी.

उल्लेखनीय है कि एक अगस्त को शिव सरोज के अपहरण को लेकर चुटिया थाना में केस दर्ज हुआ था. दो अगस्त को उसने पीएमओ से लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों को मेल के जरिये सुसाइड नोट भेज कर आत्महत्या कर ली थी. उसका शव तीन अगस्त को कोतवाली थाना क्षेत्र के सेवा सदन अस्पताल के बाहर पार्किंग स्थित पेड़ से लुंगी के सहारे लटका हुआ मिला था. घटना को लेकर उसके पिता के बयान और मेल में कही गयी बातों के आधार पर कोतवाली थाना में सिटी डीएसपी शंभु कुमार सिंह और चुटिया के तत्कालीन थाना प्रभारी अजय कुमार वर्मा के खिलाफ शिव शर्मा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज हुआ था. घटना की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने मामले की जांच सीआइडी से कराने का निर्णय लिया था. मामले में सरकार ने सीआइडी एडीजी से 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा था. सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह मामले में पूर्व में आरंभिक जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप चुके हैं. आरंभिक जांच के दौरान सीआइडी एडीजी ने युवक शिव सरोज या उसके पिता को प्रताड़ित करने का आरोप सिटी डीएसपी या चुटिया के तत्कालीन थाना प्रभारी पर सही नहीं पाया था. जांच के दौरान एडीजी को एक वीडियो फुटेज मिला था, जिसमें किसी तरह से सिटी डीएसपी या चुटिया के तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा युवक के पिता के साथ गाली-गलौज या दुर्व्यवहार करने की बात सामने नहीं आयी थी.

सीआइडी के पास केस ट्रांसफर होने से पहले पुलिस ने मामले में विभिन्न बिंदुओं पर जांच की थी. जिसके आधार पर पुलिस मुख्यालय के अधिकारी पूर्व में यह दावा कर चुके हैं कि शिव सरोज अपने पिता और परिवार के सदस्यों को खुद को आइबी का अधिकारी बताता था. यह बात जब पुलिस के अनुसंधान में झूठ साबित होने लगा, तो वह सदमे में आ गया. उसने पासपोर्ट कार्यालय में भी पासपोर्ट के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था. शिव सरोज कुमार ने अपने अपहरण की घटना का उल्लेख 30 जुलाई की रात 10 से 10.30 बजे के बीच किया है. हालांकि पुलिस द्वारा सेवा सदन अस्पताल के आसपास से बरामद सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट कि 30 जुलाई की रात 11.56 मिनट पर वह सेवा सदन अस्पताल के पास घूम रहा था. उसके हाथ में एक मोबाइल भी था. वह मोबाइल से किसी से बात कर रहा था.
सीआइडी एडीजी ने की थी जांच, सौंपी थी रिपोर्ट
सरकार ने घटना के बाद सीआइडी एडीजी से 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा था
युवक शिव सरोज या उसके पिता को प्रताड़ित करने का आरोप सिटी डीएसपी या चुटिया के तत्कालीन थाना प्रभारी पर सही नहीं पाया था
सीआइडी एडीजी को एक वीडियो फुटेज मिला था, जिसमें प्रताड़ित करने की बात सामने नहीं आयी
शिव सरोज आत्महत्या कांड
  • एक अगस्त : शिव सरोज के अपहरण को लेकर चुटिया थाना में दर्ज किया गया था केस
  • दो अगस्त : पीएमओ से लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों को मेल से सुसाइड नोट भेजा था
  • तीन अगस्त : सेवा सदन अस्पताल के बाहर पार्किंग में लगे पेड़ से लुंगी के सहारे लटका मिला था शव
कोतवाली थाना में सिटी डीएसपी शंभु कुमार सिंह और चुटिया के तत्कालीन थाना प्रभारी पर दर्ज हुआ था केस

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