चेहराकलां : कृषि भूमि की सहज व सस्ती सिंचाई व्यवस्था मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रखंड क्षेत्र सभी पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से स्थापित नलकूप बिजली की आपूर्ति नियमित होने के बावजूद निष्क्रिय होने से के कारण प्रखंड के किसानों में आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्षों पहले नलकूप की स्थापना के दौरान नलकूप परिसर तक बिजली की खंभा व तार तो पहुंचा दिया गया, परंतु विद्युत आपूर्ति के अभाव में नलकूप संचालित नहीं हो पायी. वर्तमान में विद्युत आपूर्ति में व्यापक सुधार होने प्रखंड वासियों में नलकूप संचालित होने उम्मीद जगी थी, लेकिन संबंधित विभाग की कुंभकर्णी नींद के कारण लोगों उम्मीद पर पानी फिर गया.
फलस्वरूप विभागीय पदाधिकारी व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये की लागत से प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में नलकूप शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकतर नलकूप के कीमती सामग्री सुरक्षा की व्यवस्था की अभाव के कारण या तो गायब हो चुकी है, अथवा पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. फलस्वरूप वर्तमान में किसान सौ रुपये से लेकर 150 रुपये प्रति घंटे की दर से बहुत ही कम मात्रा में पानी देने वाली छोटे चाइनीज पंपसेट से सिंचाई कराने को मजबूर हैं.
मंहगी सिंचाई के कारण किसान फसल की लागत में बढ़ोतरी व मुनाफा में कमी की समस्या से ग्रसित हो रहें हैं. भाजपा आरटीआइ प्रकोष्ठ जिला महामंत्री सुमित कुमार प्रभु, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष रवींद्र कुमार कुशवाहा, जदयू प्रखंड अध्यक्ष हिमाचल कुमार,जन अधिकार पार्टी नेता प्रमोद कुमार यादव, विशुनपुर अड़रा मुखिया पप्पी कुमारी, खाजेचांद छपरा मुखिया दरोगा राय, मथनामिलक मुखिया विजय भक्त, बस्ती सरसीकन मुखिया अर्चना कुमारी, मंसुरपर हलैया मुखिया अशोक कुमार राय सहित अन्य लोगों ने वैशाली जिलाधिकारी से सभी नलकूपों को सुचारू रूप से संचालित कराने की मांग की है.