दबिश. अपराध की योजना बना रहे थे अपराधी, गुप्त सूचना पर पुलिस ने की छापेमारी
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पिस्टल के साथ सात धराये
दबिश. अपराध की योजना बना रहे थे अपराधी, गुप्त सूचना पर पुलिस ने की छापेमारी 10 किलो गांजे की भी हुई बरामदगी हाजीपुर : वैशाली पुलिस को सोमवार को एक बड़ी कामयाबी तब मिली, जब नगर के अंजानपीर मुहल्ले में डकैती की योजना बना रहे सात अपराधियों को आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया. गुप्त सूचना […]
10 किलो गांजे की भी हुई बरामदगी
हाजीपुर : वैशाली पुलिस को सोमवार को एक बड़ी कामयाबी तब मिली, जब नगर के अंजानपीर मुहल्ले में डकैती की योजना बना रहे सात अपराधियों को आर्म्स के साथ गिरफ्तार किया. गुप्त सूचना के आधार पर की गयी छापेमारी के दौरान इन्हें संदिग्ध हालत में पकड़ा गया. पकड़े गये अपराधियों में तीन कुख्यात बताये गये हैं. इनके पास से छापेमारी के दौरान पुलिस ने देसी पिस्तौल-03, ऑटो पिस्टल-01, कारतूस-06, पल्सर बाइक-01, गांजा-10 किलो, मोबाइल फोन-03 बरामद किया.
सबसे छोटा ही है गैंग का सरदार : इन सभी सात अपराधियों में एक अपराधी जो दिखने में सबसे छोटा है, इस गिरोह का सरगना बताया जाता है. अपने कद-काठी से लोगों को गुमराह कर संजय कुमार कई छोटे-बड़े आपराधिक घटनाओं में शामिल रह चुका है.
दिखने में बच्चा, लेकिन कारनामे शातिर : इस गिरोह का सरगना संजय कुमार पासवान देखने में मासूम और छोटे कद का है. पल्सर बाइक चलने में माहिर इस गिरोह के सरगना को 220 के नाम से जाना जाता है. पुलिस के पास इसके विरुद्ध कई और अापराधिक मामले भी हैं.
बुलेट दौड़ाने में मास्टर है विपिन : इस गिरोह का एक और सरगना विपिन बुलेट का मास्टर बताया जाता है. पुलिस ने बताया कि इसके घर पर कई बार और छापेमारी की गयी थी, लेकिन यह अंतिम क्षण में कई बार भागने में कामयाब रहा है. विपिन कई बार जेल भी जा चुका है.
व्यापारी को लूटने की फिराक में धराये : पुलिस को गुप्त सुचना मिली थी कि ये सभी अपराधी एक मछली व्यापारी को लूटने की योजना बना रहे हैं. इस सचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने एक छापेमारी दल का गठन कर इन्हें घटना को अंजाम देने से पहले ही धर दबोचा. गठित टीम में पुलिस निरीक्षक-सह थाना अध्यक्ष सुनील कुमार, नगर पुलिस निरीक्षक राकेश रंजन, सदर थाना पुलिस निरीक्षक निर्भय कुमार और एसआइटी सहित अन्य लोग शामिल थे.
पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं शातिर : सूचना को अंजाम देने के बाद पुलिस ने जब इनकी अपराधिक इतिहास को खंगाला तो पता चला कि संजय पासवान, विपिन कुमार, विक्रम कुमार, और विशाल कुमार इससे पहले भी कई बार हवालात की हवा खा चुके हैं. इनमें से संजय कुमार और विपिन कुमार विधान सभा चुनाव के वक्त जेल गया था और कुछ दिन पहले ही बहार निकला था.
चार अपराधियों के विरुद्ध पहले से मामले दर्ज : संजय पासवान और विपिन कुमार के अलावा विक्रम कुमार और विशाल कुमार के विरुद्ध पहले से कई मामले दर्ज है.
पुलिस ने बताया कि इन चारों के विरुद्ध चोरी, डकैती, और लूट-मार जैसी वारदात के तहत मामला पहले से ही विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं.
कैसे करता है गैंग अपना शिकार : गैंग के सभी सदस्य मिल कर अपना लक्ष्य भेदने में लग जाते थे. इनमें से दो लोग बैंकों और बड़े व्यापारी पर नजर रखते थे. जो लोग मोटी कैश लेकर आना-जाना करते और स्वर्ण आभूषणो आदि से लैश होते थे ये दोनों उनका पीछा कर अपने बाकी सदस्यों को खबर कर देते थे और फिर सुनसान रास्ते पर सभी मिलकर मारपीट और लूट की घटना को अंजाम देते थे.
गांजा तस्करों से भी जुड़ा नेटवर्क : पुलिस छापेमारी में इनके पास से 10 किलो गांजा भी बरामद हुआ हैं. जानकारी अनुसार इन पर पहले भी तस्करी का मामला विभिन्न थानों में दर्ज है. बताया जाता हैं कि इनका नेटवर्क दूसरे राज्यों के गांजा तस्करों से भी जुड़ा हो सकता है.
कौन-कौन हुए गिरफ्तार
कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं और ये सभी वैशाली जिले के ही बताये जाते है. छापेमारी में गिरफ़्तारी के बाद इन्होंने अपना नाम ऐसे बताया.
1. संजय कुमार, पिता सुरेश पासवान, ग्राम दिघी पश्चिम, थाना सदर.
2. राहुल कुमार, पिता अजय कुमार गुप्त, ग्राम एवं थाना देसरी.
3. सूरज कुमार, पिता राजाराम राय, ग्राम योगी ब्रह्म अदलपुर, थाना सदर.
4. विपिन कुमार, पिता बच्चू राय, ग्राम दिवानटोला, थाना गंगाब्रिज.
5. विक्रम कुमार, पिता अर्जुन सिंह, ग्राम लालपोखर दिघी, थाना सदर.
6. विशाल कुमार, पिता संधीर राय, ग्राम लालपोखर दिघी, थाना सदर.
7. रविंद्र कुमार, पिता विजय राय, ग्राम बागमली, थाना नगर.
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