सुपौल : निजी वाहनों की पंजियन पट्टी पर अवैध रूप से सरकारी विभागों के नाम समेत मुखिया, सरपंच, अध्यक्ष, पुलिस, प्रेस, अधिवक्ता आदि लिखाने पर रोक के बावजूद जिले में निजी वाहनों पर उपरोक्त मोनोग्राम व चिह्नों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. 05 मई 2017 को पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय बिहार पटना के ज्ञापांक 3506/पुलिस मुख्यालय एक्सएल(एचसी) 34/17 द्वारा जारी सख्त निर्देश के बाद भी निजी वाहनों पर मोनोग्राम व चिह्नों के प्रयोग पर प्रशासन द्वारा लगाम नहीं लगाया जा सका है.
जबकि पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा जारी आदेश में सभी वरीय पुलिस अधीक्षक रेल व यातायात को आदेश का पालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिये सख्त हिदायत दी गयी थी. जारी निर्देश में संबंधित अधिकारियों को निर्देश का अनुपालन अविलंब व सख्ती से कराये जाने के साथ प्रति माह अनुपालन प्रतिवेदन अपराध अनुसंधान विभाग को भेजने के लिये कहा गया था. बावजूद जिले में अवैध रूप से निजी वाहनों पर सरकारी विभागों के नाम समेत मुखिया, सरपंच, अध्यक्ष, पुलिस, प्रेस, अधिवक्ता व आदि का प्रयोग किया जा रहा है. जबकि डीजीपी कार्यालय द्वारा जारी पत्र में यह अंदेशा जाहिर किया गया था
कि नीजी वाहनों द्वारा इन मोनोग्राम व चिन्हों की आड़ में अवैध कार्य किया जा रहा है. भारत-नेपाल सीमा से सटे रहने के कारण व पूर्ण शराबबंदी के दौर में ये अहम हो जाता है कि अपराधियों पर नकेल कैसे कसा जाय. जबकि डीजीपी कार्यालय के आदेश की प्रतिलिपि सभी अपर पुलिस महानिरीक्षक रेल सहित, पुलिस महानिरीक्षक रेल सहित व सभी पुलिस उप महानिरीक्षक रेल सहित को भेजी गयी है. बावजूद जिले में ऐसे वाहनों पर रोक लगाने के लिए दिशा में प्रशासन पूरी तरह से गंभीर नहीं है. इसी का नतीजा है कि आज भी ऐसे वाहन जिले में खुले आम नियम को ताक पर रख कर सड़कों पर दौड़ रहे हैं.