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कल से शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया

नगर निकाय चुनाव. आज समीक्षा करेंगे चुनाव आयोग के अधिकारी नगर निकाय चुनाव को लेकर गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त जिले के निर्वाचन व उप निर्वाचन पदाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे. इस दौरान चुनाव कराने से संबंधित निर्देश अधिकारियों को दिये जायेंगे. सुपौल : नगर निकाय चुनाव के लिए आयोग द्वारा जोर-शोर से तैयारी […]

नगर निकाय चुनाव. आज समीक्षा करेंगे चुनाव आयोग के अधिकारी

नगर निकाय चुनाव को लेकर गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त जिले के निर्वाचन व उप निर्वाचन पदाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे. इस दौरान चुनाव कराने से संबंधित निर्देश अधिकारियों को दिये जायेंगे.
सुपौल : नगर निकाय चुनाव के लिए आयोग द्वारा जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. निर्वाची पदाधिकारी द्वारा प्रपत्र 11 सूचना प्रकाशन के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया सात अप्रैल से आरंभ होगी और 15 अप्रैल तक चलेगी. दिन के 11 बजे से 03 बजे के बीच अभ्यर्थी आवश्यक दस्तावेज सहित निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित हो कर नामांकन दाखिल कर सकेंगे. संवीक्षा 19 व 20 अप्रैल को होगी. जबकि अभ्यर्थिता वापसी की अंतिम तिथि 25 अप्रैल तय की गयी है. इसी दिन वैध अभ्यर्थियों की अंतिम सूची प्रकाशित की जायेगी और उनके बीच प्रतीक आवंटन किया जायेगा.
सुपौल नगर परिषद सहित वीरपुर व निर्मली नगर पंचायत में पार्षद पद के लिए रिक्ती के विरुद्ध मतदान 15 मई को होगा. मतदान सुबह 07 बजे से संध्या 05 बजे तक चलेगा. मतगणना और परिणाम घोषणा के लिए 16 मई की तिथि मुकर्रर की गयी है. इस दिन सुबह 08 बजे से मतगणना आरंभ की जायेगी. बजाप्ता चुनाव तैयारियों के लिए आयोग द्वारा तैयारियों की समीक्षा के लिए गुरुवार को सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग करेंगे. वीडियो कांफ्रेसिंग का समय दिन के 11 बजे से 01 बजे के बीच रखा गया है. आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने 31 मार्च को ही इस बाबत पत्र जारी कर निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र भेजा है.
बताया है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त स्वयं तैयारियों की समीक्षा करेंगे. वीडियो कांफ्रेसिंग में उप निर्वाची पदाधिकारी (नगरपालिका) को भी उपस्थित रहने को कहा गया है. जबकि इससे पूर्व ही आयोग ने उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता से जुड़े प्रावधानों के बाबत भी आदेश जारी कर दिया है.
अधिसूचना की तिथि से लागू होगी आचार संहिता
आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन द्वारा जारी पत्र में अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता की सूची जारी कर दी है. बताया गया है कि अधिसूचना की तिथि अर्थात नामांकन आरंभ होने के साथ ही नगर निकाय क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जायेगी. जो चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक प्रभावी रहेगी. इसके तहत अधिकारियों को सामान्य आचरण का पालन करना होगा. जिसमें किसी भी उम्मीदवार को ऐसा कोई बयान जारी करने अथवा कार्य करने की अनुमति नहीं होगी, जिससे किसी किसी धर्म, संप्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे अथवा उनमें विद्वेष या तनाव की स्थिति पैदा हो. मत प्राप्ति के लिए धार्मिक, सांप्रदायिक, जातीय व भाषायी भावनाओं का सहारा लेना भी अनैतिक बताया गया है. जबकि उपासना स्थल यानि मंदिर, मसजिद आदि का प्रयोग निर्वाचन प्रचार के लिए करने पर प्रतिबंध रहेगा. प्रतिद्वंदी किसी भी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं करेगा,
जिसका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो. साथ ही वैसे आरोप लगाने की अनुमति नहीं होगी, जिसकी सत्यता स्थापित न हुई हो. आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति की आलोचना उसकी नीति, कार्यक्रम, पूर्व इतिहास व कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए. असत्यापित आरोपों का प्रयोग नहीं होना चाहिए. मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक की अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर सभा बुलाने, आयोजन करने अथवा उसमें उपस्थित रहने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा उम्मीदवारों को ऐसे कार्यों से भी परहेज करने की सलाह दी गयी है, जो नगरपालिका अधिनियम 2007 के अंतर्गत अपराध हो.
गलत समाचार का प्रकाशन कराना अपराध
आचार संहिता के दौरान प्रत्याशियों को पोस्टर, विज्ञापन या परिपत्र निकलवाने पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता अनिवार्य रूप से अंकित कराना होगा. वही निर्वाचन की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्देश्य से उम्मीदवार के व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीदवारी संबंधी वैसे कथन या समाचार का प्रकाशन करवाने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसके सत्य होने का विश्वास न हो या मिथ्या हो. इसके अलावा किसी विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी करना या विघ्न डालना, मतदाताओं को रिश्वत या किसी प्रकार का पारितोषिक प्रदान करना, मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का चुनाव प्रचार या मत मांगना, मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने या ले जाने के लिए वाहनों का उपयोग करना,
मतदान या मतगणना केंद्र में या उसके आसपास आपत्तिजनक, अशोभनीय या विशृंखल आचरण करना अथवा मतदान या मतगणना केंद्र के अधिकारियों के कार्य में बाधा डालना अथवा उनसे अभद्र व्यवहार तथा मतदाताओं का प्रतिरूपन करना अर्थात गलत नाम से मतदान कराने का प्रयास करना भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
प्रतिद्वंद्वी का पोस्टर-बैनर नहीं हटा सकता है अभ्यर्थी
नगर निकाय चुनाव के दौरान किसी उम्मीदवार द्वारा किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का प्रयोग झंडा टांगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने आदि का प्रयोग प्रचार कार्यों के लिए नहीं बिना अनुमति नहीं किया जा सकता है. आयोग ने प्रत्याशियों को समर्थक व कार्यकर्ताओं से भी ऐसा करने से बचने की अपील करने की सलाह दी है. कहा है कि जोर-जबरदस्ती की सूचना मिलने पर संबंधित मामले में त्वरित कानूनी कार्रवाई की जायेगी. वही किसी भी उम्मीदवार अथवा समर्थक को प्रतिद्वंदी द्वारा लगाये गये पोस्टर, झंडा आदि उतारने से बचने को भी कहा गया है.
प्रत्याशी व समर्थकों को मतदान शांतिपूर्ण तथा सुचारु रूप से संपन्न कराने को लेकर सहयोग करने का अनुरोध किया है. साथ ही मतदान व मतगणना केंद्र पर प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उपयुक्त बिल्ला या पहचान पत्र अनिवार्य रूप से प्रदान करने को कहा है. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल सूबे के किसी भी नगर निकाय में दलगत चुनाव नहीं हो रहा है. लिहाजा राजनैतिक दल के नाम पर या दल के झंडा की आड़ में चुनाव प्रचार की अनुमति भी नहीं होगी. शासकीय व अर्द्धशासकीय परिषद, विश्राम गृह, डाकबंगला आदि का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए किसी भी उम्मीदवार को नहीं करना है. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी अथवा सरकारी उपक्रम के भवन, दीवार, चाहरदीवारी आदि का प्रयोग करने की अनुमति भी नहीं होगी. इसके तहत इन स्थलों पर पोस्टर या सूचना चिपकाने, नारा लिखने अथवा किसी प्रकार का बैनर, झंडा आदि लटकाने पर रोक का आदेश दिया गया है.
माइक व सभा के पहले लेनी होगी अनुमति
आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी हाट, बाजार या भीड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा आयोजन के लिए सक्षम प्राधिकार से प्रत्याशी को पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी. साथ ही आशय की सूचना स्थाना थाना पुलिस को भी देनी होगी. जिससे आयोजन स्थल पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस द्वारा आवश्यक प्रबंध किया जा सके. वही प्रस्तावित सभा के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रयोग हेतु भी आवश्यक अनुज्ञा सक्षम पदाधिकारी से सभा के पूर्व प्राप्त करना होगा.
आयोग ने सभा के दौरान किसी व्यक्ति या समूह द्वारा विघ्न डालने अथवा उसका प्रयास करने वालों की शिकायत तत्काल वहां उपस्थित पुलिस अधिकारियों से करने को कहा है. साथ ही स्पष्ट किया है कि पुलिस अधिकारी अपने स्तर से ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. वही किसी भी उम्मीदवार को किसी अन्य उम्मीदवार की सभा या जुलूस में गड़बडी करने अथवा बाधा डालने से अपने कार्यकर्ता व समर्थकों को रोकना होगा. अगर दो प्रत्याशियों की सभा निकट में होगी तो दोनों के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का मुंह विपरीत दिशाओं में रखा जायेगा.

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