अनदेखी. रख रखाव व मरम्मत कार्य में नहीं है पारदर्शिता
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मनमाने तरीके से हो रहा कार्य
अनदेखी. रख रखाव व मरम्मत कार्य में नहीं है पारदर्शिता प्रखंड कार्यालय स्थित टीसीपी भवन का रखरखाव व मरम्मत का कार्य मानक अनुरूप नहीं कराया जा रहा है. निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कराया जा रहा है. और मरम्मत के नाम पर लाखों की राशि बंदरबांट होने का आरोप लगने लगा है. सुपौल […]
प्रखंड कार्यालय स्थित टीसीपी भवन का रखरखाव व मरम्मत का कार्य मानक अनुरूप नहीं कराया जा रहा है. निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कराया जा रहा है. और मरम्मत के नाम पर लाखों की राशि बंदरबांट होने का आरोप लगने लगा है.
सुपौल : सरकार व विभाग द्वारा सभी पुराने भवन को चकाचक कराये जाने के लिए लाखों- करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है. ताकि सरकारी महकमाओं को कार्यों के निष्पादन में कठिनाई महसूस न हो. साथ ही संबंधित अभिलेखों को सुरक्षित रखी जा सके. वहीं सदर प्रखंड कार्यालय स्थित टीसीपी भवन का रख रखाव व मरम्मत का कार्य मानक अनुरूप नहीं कराया जा रहा है. नये नियम के मुताबिक किसी भी कार्य कराये जाने से पूर्व कार्य स्थल पर सूचना पट पर योजना से संबंधित जानकारी अंकित किया जाना है.
ताकि संवेदक द्वारा पारदर्शिता के साथ कार्य को अंजाम दिया जा सके, लेकिन विभागीय पदाधिकारियों के उदासीनता के कारण प्रखंड कार्यालय के नाक के तले करवाये जा रहे कार्यों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता का खेल खेला जा रहा है. एक तरफ जहां निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कराया जा रहा है. वहीं सूत्रों की माने तो उक्त टीसीपी भवन की मरम्मत के नाम पर लाखों की राशि का बंदरबांट किये जाने की बात दृष्टिगत हो रही है.
बिना सूचना पट्ट लगाये कराया जा रहा कार्य : गौरतलब हो कि सरकारी कार्यों का क्रियान्वयन मानक अनुरूप व पारदर्शिता के साथ पूर्ण करायी जा सके. इसे लेकर विभाग द्वारा हरेक विभाग को कई वर्ष पूर्व ही निर्देश दिया जा चुका है कि संबंधित कार्य स्थल पर योजना का नाम, योजना की राशि, कार्य आरंभ व पूर्ण करने की तिथि सहित संवेदक का नाम व पता सहित संपर्क नंबर अंकित किया जाना अनिवार्य है.
बावजूद इसके संबंधित पदाधिकारी उक्त कार्य के अनुपालन में रुचि नहीं ले रहे हैं. जानकारों की माने तो संवेदक व संबंधित पदाधिकारियों की मिलीभगत के कारण अधिकांश योजना को गुपचुप तरीके से कार्य करवा कर राशि की लूट की जाती रही है. मानक अनुरूप न तो संवेदक द्वारा कार्य किया जाता है और न ही उच्चाधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण. लोगों ने यह भी बताया कि जब मुख्यालय स्थित कराये जा रहे कार्य को इस तरीके से निष्पादित किया जाता है, तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले सरकारी कामकाज को किस तरीके से निष्पादित किया जाता होगा.
मरम्मत कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग : लोगों ने रख रखाव व मरम्मत कार्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि उक्त कार्य में उपयोग किये जा रहे बालू में लोकल बालू का मिलावट धड़ल्ले से किया जा रहा है. वहीं उक्त बालू में मानक अनुरूप सीमेंट की मात्रा भी नहीं दिया जा रहा है. साथ ही मनमाने तरीके से प्राक्कलन के विरुद्ध टाइल्स लगाने का कार्य कराया जा रहा है. नाम नहीं छापने के शर्त पर कई मजदूर व कुशल कारीगर ने बताया कि संवेदक के निर्देशानुसार वे लोग कार्य कर रहे हैं. साथ ही कार्य में लगे मजदूरों से संवेदक की जानकारी लेने का प्रयास किया गया, तो सभी ने एक स्वर से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन सबों को संवेदक का नाम मालूम नहीं है.
कहते हैं बीडीओ
इस बाबत जब बीडीओ आर्य गौतम ने कहा कि यह कार्य उनके देखरेख में करायी जा रही है. कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है. लोकल बालू गड्ढे में डालने के लिए रखा गया है. उक्त कार्य के लिए राशि निर्धारित नहीं की गयी है. मरम्मत कार्य का लागत वाउचर के आधार पर तय किया जायेगा.
कहते हैं प्रमुख
योजना की जानकारी उन्हें नहीं दी गयी है. रख-रखाव व मरम्मत कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कराया जा रहा है, तो वे खुद इसका जायजा लेंगे. साथ ही उच्चाधिकारी के पास संबंधितों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई किये जाने की शिकायत करेंगे.
मिलन देवी, प्रमुख, सुपौल
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