सुपौल : नोटबंदी हो या महंगाई, दोनों को लेकर इन दिनों काफी विवाद चल रहा है. लेकिन जिले में मकर संक्रांति को लेकर तैयारी जोरों पर है. बाजार में जगह-जगह तिलकुट की अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं. जबकि यहां खरीदारों की भीड़ भी जुटने लगी है. शहर के लोहिया नगर चौक, महावीर चौक, स्टेशन चौक, […]
सुपौल : नोटबंदी हो या महंगाई, दोनों को लेकर इन दिनों काफी विवाद चल रहा है. लेकिन जिले में मकर संक्रांति को लेकर तैयारी जोरों पर है. बाजार में जगह-जगह तिलकुट की अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं. जबकि यहां खरीदारों की भीड़ भी जुटने लगी है. शहर के लोहिया नगर चौक, महावीर चौक, स्टेशन चौक, थाना चौक, बस स्टेंड आदि इलाकों में लगभग तिलकुट की लगभग दो दर्जन अस्थायी दुकानें सजी हुई है. जहां आकर्षक पैकेटों में बंद तिलकुट लोगों को अपनी ओर लुभा रहे हैं.
महावीर चौक के समीप तिलकुट का कारोबार कर रहे भोला शंकर साह बताते हैं कि यहां भागलपुर, गया, पटना सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे कारीगरों द्वारा तिलकुट तैयार किया जा रहा है. इस तिलकुट की खासियत यह है कि खास्ता होने के कारण बिना दांत वाले लोग भी इसका स्वाद आसानी से ले सकते हैं.
10 से 15 फीसदी महंगा हुआ है तिल और तिलकुट
तिलकुट कारोबारियों की मानें तो गत वर्ष की अपेक्षा सफेद तिल की कीमत में 08 से 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसके अलावा चीनी की कीमत में भी उछाल आया है. जिसके कारण लागत भी बढ़ी है. यही कारण है कि तिलकुट की कीमत में भी 10 से 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. फिलहाल साधारण तिलकुट 200 से 300 रुपये प्रतिकिलो की दर पर बिक रहे हैं. गुड़ वाले तिलकुट 200 से 220 रुपये प्रतिकिलो तथा चीनी वाले तिलकुट 280 से 300 रुपये प्रतिकिलों की दर पर बिक रहे हैं. इसके अलावा रेवड़ी, केशर व खोया युक्त तिलकुट भी बाजार में उपलब्ध हैं जिनकी कीमत क्वालिटी के आधार पर निर्धारित की गयी है. हालांकि सुगर फ्री तिलकुट बाजार में उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण सुगर के मरीजों को निराशा झेलनी पड़ रही है.