27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पांच सौ से अधिक मरीज मिले चिंता. जिले में बढ़ रही है एचआइवी पॉजीटिव की संख्या

एचआइवी व एड‍्स ग्रसित रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. एचआइवी संक्रमण में वृद्धि निश्चित तौर पर प्रशासन व समाज के लिये चिंता का विषय बनता जा रहा है. जिले से हर वर्ष लाखों की संख्या में मजदूर रोजगार के लिये अन्य प्रदेशों की ओर पलायन करते हैं. सुपौल : कोसी के इस […]

एचआइवी व एड‍्स ग्रसित रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. एचआइवी संक्रमण में वृद्धि निश्चित तौर पर प्रशासन व समाज के लिये चिंता का विषय बनता जा रहा है. जिले से हर वर्ष लाखों की संख्या में मजदूर रोजगार के लिये अन्य प्रदेशों की ओर पलायन करते हैं.

सुपौल : कोसी के इस पिछड़े इलाके में एचआइवी व एड‍्स ग्रसित रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. एचआइवी संक्रमण में वृद्धि
निश्चित तौर पर प्रशासन व समाज के लिये चिंता का विषय बनता जा रहा है. गौरतलब है कि आर्थिक रूप से पिछड़े इस जिले में बड़े उद्योग व रोजगार की भारी कमी है. यही वजह है कि जिले से हर वर्ष लाखों की संख्या में मजदूर रोजगार के लिये अन्य प्रदेशों की ओर पलायन करते हैं. दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में यह मजदूर कल कारखानों व फार्म हाउसों पर नौकरी कर धन अर्जित करते हैं. जिससे उनका व परिवार का भरण-पोषण हो पाता है. जानकारों की माने तो लंबे समय तक परदेश में समय गुजारने वाले मजदूर किस्म के लोग परिवार से दूर रहते हैं. इस क्रम में उनकी बुरी संगत होने की संभावना अधिक होती है. यही वजह है कि गरीब व मजदूर तबके के लोगों में एचआइवी संक्रमण का मामला अधिक उजागर हो रहा है.
एचआइवी व एड‍्स जैसी जानलेवा बीमारी से संक्रमित होने का एक मुख्य वजह अशिक्षा माना जाता है. दरअसल गरीब व अशिक्षित लोग एचआइवी के संक्रमण के कारणों से अनभिज्ञ होते हैं. असुरक्षित यौन संबंध, दोबारा उपयोग किये जाने वाले िसरींज, ब्लड डोनेशन जैसे संक्रमण के कारणों के बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं होता. यही वजह है कि भोले-भाले गरीब- मजदूर आसानी से इस रोग का शिकार बन जाते हैं. जिसका खामियाजा उनके साथ ही पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है. एचआइवी व एड‍्स जैसी घातक बीमारी जिले में बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक वर्ष 2005 से अब तक जिले में एचआइवी संक्रमित 500 से अधिक रोगियों की पहचान हो चुकी है.
अकेले इस वर्ष अब तक 39 रोगियों को जिले में चिन्हित किया गया है. जिसमें कई गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं पांच बच्चे भी एचआइवी से संक्रमित पाये गये हैं. जानकारों की माने तो यह सिर्फ सरकारी आंकड़ा है. मामले की अगर गहराई से जांच की जाय तो और भी ऐसे रोगी की पहचान की जा सकती है. जिनका ना तो अब तक कोई जांच हुआ है या फिर ऐसे रोगी रोग की जानकारी पाये बिना ही काल के गाल में समा चुके हैं. गरीबी व अशिक्षा की वजह से रोग का लक्षण लोगों को पता नहीं होने से ऐसे रोगी अस्पताल जाने के बजाय अपने स्तर पर थोड़ी बहुत दवा खा कर गुजारा कर लेते है. जबकि बीमारी गंभीर रूप धारण करने के बाद उनके लिये जानलेवा साबित होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें