सुपौल : स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तत्वावधान में बुधवार को स्थानीय बीएसएस कॉलेज स्थित सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. खुले में शौच-एक व्यवहारगत परिवर्तन विषय पर आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने दीप प्रज्जवलित कर किया.
कार्यशाला के दौरान लोगों को शौचालय की महत्ता एवं खुले में शौच करने से होने वाले दुष्परिणामों के संबंध में जानकारी दी गयी. साथ ही जहां सोच वहीं शौचालय का संदेश भी दिया गया. डीएम श्री यादव ने कहा कि खुले में शौच एक सामाजिक अभिशाप है. जिसे समाप्त करने के लिये सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. लेकिन लोगों के सहयोग के बिना इस बुराई से निजात नहीं पाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मी के साथ ही जन प्रतिनिधि, आम जन व महिलाओं को भी इसके लिये आगे आना होगा. कहा कि लोगों को सामाजिक दायित्व, समर्पन एवं लगनशीलता के साथ खुले में शौच जैसी कुरीति से मुक्ति का संकल्प लेना होगा. डीएम ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य खुले में शौच प्रथा समाप्त कर लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना तथा महिलाओं को सुरक्षा एवं सम्मान प्रदान करना है.
बताया कि शौचालय निर्माण के लिये सरकार द्वारा 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जाती है. जिन पंचायतों में सभी घर, सभी स्कूल एवं सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय का निर्माण किया जायेगा. साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने के उपाय किये जायेंगे, उन पंचायतों को सरकार द्वारा निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा.