अनदेखी. शराब बंदी के बावजूद जिले में जारी है अवैध शराब का कारोबार
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550 की शराब अब 1800 रुपये में
अनदेखी. शराब बंदी के बावजूद जिले में जारी है अवैध शराब का कारोबार राज्य सरकार द्वारा गत पांच अप्रैल को सूबे में की गयी पूर्ण शराब बंदी के बाद जिले में चोरी छिपे शराब का अवैध कारोबार अब भी जारी है. शराब बंद करने के लिए राज्य सरकार ने तरह तरह के कानून बनायी है […]
राज्य सरकार द्वारा गत पांच अप्रैल को सूबे में की गयी पूर्ण शराब बंदी के बाद जिले में चोरी छिपे शराब का अवैध कारोबार अब भी जारी है. शराब बंद करने के लिए राज्य सरकार ने तरह तरह के कानून बनायी है फिर भी शराब का खेल चल ही रहा है.
सुपौल : राज्य सरकार द्वारा गत पांच अप्रैल को सूबे में की गयी पूर्ण शराब बंदी के बाद जिले में चोरी छिपे ही सही शराब का अवैध कारोबार अब भी जारी है.
जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि जिले के विभिन्न हिस्सों से आये दिन पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा लगातार अवैध शराब की जब्ती एवं इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हो रही है. जानकारी अनुसार शराब का यह खेल धड़ल्ले से जारी है. शराब के शौकीनों को डिमांड के अनुरूप इसकी पूर्ति कारोबारियों द्वारा सही समय पर करा दी जाती है.
फर्क सिर्फ इतना हुआ है कि पूर्व में 550 रुपये में मिलने वाली शराब के बोतल अब 1500 से 1800 रुपये में मिल रहा है. नतीजा है कि शराब अब गरीब तबके के लोगों की पहुंच से सचमुच दूर हो गयी है. जबकि संपन्न व खास लोगों के लिये उंचे दाम पर ही सही शराब आज भी उपलब्ध है.
इधर, शराब बंदी को सफल बनाने हेतु पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है. अवैध शराब की बोतले व कारोबारी भी धड़े जा रहे हैं. यह दीगर बात है कि जब्त शराब की मात्रा काफी कम होती है. वहीं इस मामले में छुटभैये कारोबारी ही पकड़े जा रहे हैं. जबकि शराब के बड़े स्टॉक व इस नेटवर्क से जुड़े बड़े सरगना आज भी पुलिस व उत्पाद विभाग के जद से बाहर हैं.
मुख्यालय में भी जारी है कारोबारियों का नेटवर्क : सूत्र बताते हैं कि जिला मुख्यालय में भी अवैध शराब का संगलित नेटवर्क चल रहा है. जानकार बताते हैं कि शराब के शौकीनों को उनके डिमांड के अनुरूप शराब की आपूर्ति चिह्नित स्थान व निर्धारित स्थल पर करा दी जाती है. प्रशासन के भय से ऐसे कारोबारी अंजान ग्राहकों से दूर रहते हैं. जबकि शौकीनों को उनके घर पर ही शराब की डिलेवरी कर दी जाती है.
शंका होने की कुछ स्थिति में शराब की सप्लाई कारोबारियों के द्वारा मोबाईल पर पांच मिनट पूर्व समय व स्थान तय कर किया जाता है. इसके लिये शहर के कुछ सुनसान स्थलों को ठिकाना बनाया जाता है. जहां निर्धारित समय पर अचानक बाईक से डिमांड के अनुरूप शराब उपलब्ध करा कर नेटवर्क से जुड़े लोग फुर्र हो जाते हैं. सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यह स्थान और समय बदलता रहता है. लेकिन सामान्यत: यह सप्लाई रात के अंधेरे में ही की जाती है.
चहारदिवारी के अंदर ही टकराते है जाम : जानकारी अनुसार राज्य में शराब बंदी लागू होने के बाद कड़े कानून के भय से शराब के शौकीन भी अब सार्वजनिक स्थलों पर शराब के सेवन से परहेज करते हैं. ऐसे शराबी घरों के अंदर ही सुरक्षित स्थानों पर इसे ग्रहण कर अपनी क्षुधा मिटा लेते हैं. सड़कों पर अक्सर जारी प्रशासनिक जांच की वजह से अंगूरी के शौकीन ऐसे लोग नशापान करने के बाद बाजार निकलने से भी परहेज करते हैं. यही वजह है कि शराब के जारी अवैध कारोबार के बावजूद शहर में शराबियों के दर्शन दुर्लभ हो गये हैं. शाम होते ही सड़के सूनी हो जाती है. जिससे संभ्रांत नागरिकों में हर्ष का माहौल व्याप्त है.
सैकड़ों लीटर जब्त हुआ है शराब :
जिले में उत्पाद विभाग एवं पुलिस अप्रैल से जून माह तक करीब 180 लीटर देशी एवं 120 लीटर विदेशी शराब, छह लीटर बियर एवं 5.5 किलो गांजा जब्त किया गया है. वहीं शराब का कारोबार व सेवन करने वाले करीब 165 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
नेपाल व पड़ोसी राज्यों से आती है खेप
सूबे में शराब बंदी लागू होने के बाद अवैध शराब के कारोबारी चांदी काट रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक पड़ोसी राज्य झारखंड व बंगाल से बस, ट्रक व अन्य वाहनों से भी शराब की खेप लायी जाती है. वहीं सीमावर्ती राष्ट्र नेपाल से भी शराब लाया जाता है. भारत-नेपाल के बीच लंबी खुली सीमा इसके सहायत सिद्ध हो रही है. वहीं नेपाल से आने वाली नदियों के जलमार्ग का भी इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात एसएसबी के जवानों द्वारा पूरी चौकसी बरती जा रही है. बावजूद आये दिन सीमा पर शराब की जब्ती जाहीर करती है कि नशे का यह कारोबार निरंतर जारी है.
कहते हैं अधिकारी
जिले के उत्पाद अधीक्षक किशोर साहु बताते हैं कि पूर्ण शराब बंदी लागू करने के प्रति विभाग प्रतिबद्ध है. विभाग द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है. वहीं सीमावर्ती क्षेत्र पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
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